नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से पूरे देश की वित्तीय हालात खराब है। जहां मंहगाई अपने चरम पर है वहीं बाजारों में भी पैसे की काफी किल्लत देख ने को मिली है। कोरोना के आने के बाद सबसे ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। अब आम आदमी की बात दूर है, बैंकों की भी माली हालत ठीक नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के बैंक डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Dr Shivajirao Patil Nilangekar Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके पीछे की वजह बैंक की खराब वित्तीय हालत बताई जा रही है। इतना ही नहीं बैंक के लाइसेंस को रद्द करने के साथ बैंक के पैसे लेने और देने पर भी रोक लगा दी गई है।
लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक जमा पैसा भी ग्राहकों को निकालने के लिए नहीं मिलेगा। बता दें कि बैंक की माली हालत बीते दिनों से काफी तंग चल रही है। बैंक के पास अपने ग्राहकों के जमा पैसे भी नहीं निकाल सकते हैं। RBI के अलावा सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने भी महाराष्ट्र के इस बैंक को बंद करने और बैंक के लिए अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। आरबीआई ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के बैंक डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पास कमाई के सारे जरिए ठप हो गए हैं। इस कारण बैंक की माली हालत खराब हो चुकी है। इसलिए अब यह बैंक ग्राहकों के लिए मौजूद नहीं रहेगी। वहीं आरबीआई ने कहा कि अगर बैंक को माली हालत के बाद भी जारी रहने की अनुमति दी जाती है तो इसका नुकसान ग्राहकों को उठाना पड़ सकता है। बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से अर्थव्यवस्था काफी सुस्त पड़ी है।
लघु उद्योगों की तोड़ी कमर…
बता दें कि कोरोना महामारी के आने के बाद से अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई है। वहीं उद्योगों पर भी गहरा असर पड़ा है। बाजार बंद होने के कारण बना हुआ माल नहीं बिका है। नए माल के ऑर्डर आने बंद हो गए हैं। देश के 15 प्रतिश से ज्यादा लघु उद्योग के मालिक बैंकों के डिफाल्टर हो गए हैं। इन लघु उद्योगों पर बैंकों का करीब 2185 करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। कोरोना काल में लघु उद्योगों पर काफी असर पड़ा है। वहीं जहां एक तरफ लघु उद्योगों के प्रोडक्ट बाजार बंद होने के कारण नहीं बिक पाए हैं, वहीं नए ऑर्डर भी नहीं आ पा रहे हैं।