Ray Kurzweil Prediction On Immortality: इंसान का जन्म और मृत्यु का लेखा-जोखा जहां पर भगवान के हाथों में होता है लेकिन अगर यही इंसान हमेशा के लिए अमर हो जाए तो क्या होगा क्या ऐसा होना आसान है। हाल ही में गूगल के पूर्व इंजीनियर और भविष्यवक्ता रे कुर्जवील (Ray Kurzweil) ने भविष्यवाणी है कि 2030 तक इंसान अमर हो जाएगा। यहां पर आने वाले 7 सालों के बाद जीवित हर इंसान अमरता की श्रेणी में आ जाएगा।
जानिए कौन है भविष्यवक्ता रे कुर्जवील
यहां पर भविष्यवक्ता की बात की जाए तो, 75 वर्षीय रे कुर्जवील का पूरा नाम ‘रेमंड कुर्जवील’ है जो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं जो पहले गूगल के पूर्व इंजीनियर भी रह चुके है। इन्होंने हाल ही में इंसानों की अमरता पर बड़ी भविष्यवाणी की है, जिसमें चौकाते हुए बताया कि, नैनोरोबोट की मदद से सात वर्षों में इंसान अमरता हासिल कर लेगा। माने तो यहां पर रे कुर्जवील की टिप्पणियों पर एक बार फिर से चर्चा होने के पीछे एक यूट्यूब सीरीज है. यूट्यूब पर एक टेक व्लॉगर एडैगियो (Adagio) की हाल में जारी हुई वीडियो सीरीज में रे कुर्जवील की भविष्यवाणी को बताया गया है।
किसी भी बीमारी से नहीं पीड़ित होगा इंसान
यहां पर भविष्यवक्ता ने यह भी खुलासा किया है कि, आने वाले 7 सालों में कम समय में इंसान ऐसी तकनीक भी पैदा कर लेगा जब माइक्रोस्कोपिक रोबोट सेल्यूलर (कोशिकीय) स्तर पर भेजे जा सकेंगे, जिनके जरिये शरीर की मरम्मत करके बुढ़ापे और बीमारी को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही इंसान के दुबले-पतले और ऊर्जावान रहते हुए भी उन्हें वो सब खाने की सहूलियत देगी जो वे खाना चाहते हैं।
पहले भी कर चुके है सच वाली भविष्यवाणी
आपको बताते चलें कि, कुर्जवील ने 2005 में आई उनकी किताब ‘द सिंगुलैरिटी इज नियर’ में इंसान के अमर होने को लेकर भविष्यवाणी की थी. उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2030 तक तकनीकी की मदद से इंसान ऐसे जीवन को हासिल कर लेगा जो कभी खत्म नहीं होगा। वहीं पर पहले भी इस तरह की भविष्यवाणी कर चुके हैं, जब उन्होंने कहा था कि 2029 वह तारीख है जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक मान्य ट्यूरिंग टेस्ट पास कर लेगी और इस प्रकार बुद्धि के इंसानी स्तर को प्राप्त कर लेगी. बता दें कि एक कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग ने 1950 में एक इमिटेशन (कृत्रिम) गेम विकसित किया था, जो कि एक इंसान के समान मशीन की बुद्धिमता की क्षमता का परीक्षण करने के लिए था। भविष्यवाणी की थी कि दुनिया का सबसे अच्छा शतरंज खिलाड़ी 2000 तक एक कंप्यूटर से हार जाएगा और 2009 तक लोग प्रमुख रूप से अलग-अलग आकार के वाइड (विस्तृत) रेंज वाले पोर्टेबल कंप्यूटर इस्तेमाल करेंगे। ये सभी भविष्यवाणी सच हुई थी।