हाइलाइट्स
- रतलाम में राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर मेला परिसर सील
- निगम ने बंद किया मेला, दुकानों और झूलों को किया जब्त
- निर्धारित जगह से ज्यादा जमीन पर लगाने पर निगम की कार्रवाई
Ratlam Mega Fair: रतलाम के अंबेडकर ग्राउंड पर चल रहा राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर विवादों में घिर गया है। रतलाम नगर पालिक निगम ने शनिवार को मेले को बंद कर दिया और दुकानों और झूले को जब्त करते हुए मेला परिसर को सील कर जब्ती का बोर्ड दिया। मेले के संचालन के लिए निर्धारित अनुमति से ज्यादा भूमि पर कब्जा करने के कारण यह कार्रवाई की गई। निगम ने जगह के अवैध कब्जे को लेकर मेला संचालकों पर 79 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था, जो समय पर जमा नहीं किया। जिसके बाद कार्रवाई की गई।
मेगा ट्रेड फेयर को क्यों बंद किया गया?
रतलाम में अंबेडकर ग्राउंड पर आयोजित राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर को नगर निगम प्रशासन ने अचानक बंद कर दिया। निगम ने मेला परिसर को सील करने की कार्रवाई की, दुकानों और झूलों को अपनी संपत्ति मानते हुए साथ ही सभी सामान जब्त कर लिया। मेले का संचालन 14 मई तक होना था, लेकिन मेला संचालकों ने निगम से प्राप्त 10 हजार स्क्वेयर फीट की अनुमति के बजाय 1.30 लाख स्क्वेयर फीट जमीन पर मेले का आयोजन किया, जिससे निगम को राजस्व की हानि हुई।
मेला संचालकों ने मेला बढ़ाने के लिए किया कब्जा
निगम ने 2 मई को मेला संचालकों को 79 लाख रुपए का जुर्माना जमा करने का नोटिस जारी किया था। यह राशि 2 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से निर्धारित की गई थी, क्योंकि मेला संचालकों ने अधिक भूमि पर कब्जा किया था। मेला संचालकों को 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन राशि जमा नहीं होने पर शनिवार को निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए मेला परिसर को सील कर दिया।
बीजेपी पार्षदों ने की थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक रतलाम नगर पालिका निगम ने 14 अप्रैल से 14 मई तक चलने वाले के लिए मेले को अंबेडकर ग्राउंड में लगाने की अनुमति दी थी, इसके लिए मेला संचालकों ने 6.06 लाख रुपए जमा कराए थे, लेकिन मेले के लिए निर्धारित जगह से अधिक जगह पर कब्जा कर लिया गया। जिसको लेकर बीजेपी पार्षदों ने निगम कमिश्नर से शिकायत की थी। इसके बाद मामले में जांच की गई।
79 लाख जमा नहीं कराने पर कार्रवाई
जांच के बाद निगम प्रशासन ने 2 मई को मेला संचालकों को 79 लाख रुपए के जुर्माना जमा करने का नोटिस जारी किया था। यह राशि 2 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से निर्धारित की गई थी, क्योंकि मेला संचालकों ने अधिक भूमि पर कब्जा किया था। जिससे निगम को राजस्व की हानि हुई। इसके साथ ही मेला संचालकों को 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन राशि जमा नहीं होने पर प्रशासन ने एक्शन लिया।
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मेला सील कर लगाया नगर निगम संपत्ति का बोर्ड
निगम के अधिकारियों ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए मेला परिसर को सील कर दिया। इस दौरान अधिकारियों ने मेला परिसर में नगर निगम संपत्ति के बोर्ड लगाकर जब्त सामान बताया। मेले सील होते ही दुकाने लगाने आए दुकानदारों में हड़कंप मच गया। मेले में यूपी, बिहार, राजस्थान और अन्य प्रदेशों से आए दुकानदारों ने दुकानें लगाई थीं और झूलों के साथ फीश टनल भी मौजूद था। हालांकि, फीश टनल को सील नहीं किया गया क्योंकि इसमें मछलियां थीं।
नगर निगम को हुआ वित्तीय नुकसान
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मेला संचालकों ने अनुमति से अधिक जगह पर मेला लगाया, जिससे निगम को वित्तीय नुकसान हुआ। इसके बाद शिकायत करने वाले बीजेपी पार्षदों ने भी नगर निगम अधिकारियों और मेला संचालकों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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