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Ratan Tata Passed Away: भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा (Ratan Tata No More) का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है और लोग सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में टाटा के निधन की पुष्टि की और उन्हें अपना "मित्र, गुरु और मार्गदर्शक" बताया। अरबपति हर्ष गोयनका ने भी टाटा के निधन पर ट्वीट किया और उन्हें "टाइटन" बताया। पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया।
1991 से 2012 तक रहे ग्रुप चेयरमैन
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वे टाटा ग्रुप (Tata Group) के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते थे। उन्होंने 1991 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन के रूप में कार्य किया और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। रतन टाटा टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख भी थे।
बिजनेस संभालते ही की थी कई कंपनियों की स्थापना
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उनकी शिक्षा मुंबई और अमेरिका के आर्स्टिन विश्वविद्यालय में हुई। 1962 में टाटा ग्रुप में शामिल होने के बाद उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने इसके बाद उन्होंने टाटा नैनो, टाटा मोटर्स (Tata Motors) और टाटा स्टील (Tata Steel) जैसी नई कंपनियों की स्थापना की।
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उनकी कुछ खास उपलब्धियों
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एअर इंडिया का अधिग्रहण
फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर का अधिग्रहण
टाटा ग्रुप की वैश्विक पहुंच बढ़ाना
एक सफल उद्योगपति और दानी के रूप में उनकी विरासत
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पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने X पर लिखा, ‘श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया।
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