Aaj Ka Mudda: छत्तीसगढ़ के मुंगेली से उठा एक मामला अब पूरे सूबे में अफसरशाही और सत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है। ये चुनावों से पहले बीजेपी-कांग्रेस को भी सियासत गरमाने का मौका दे रहा है। क्या है ये पूरा मामला। जानिए
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छत्तीसगढ़ में अफसरशाही किस तरह हावी है इसका हालिया मामला मुंगेली से सामने आया है, जहां DFO साहिबा समा फारुखी ने रेंजर से अंडा,चिकन और मटन के नाम पर, कभी बच्चों के खिलौनों के नाम पर 90 हजार रुपए का सामान बुलवाया तो मालिश के नाम पर रेंजर को करीब 12 हजार का चूना लगाया। ये आरोप मुंगेली वनमंडल में ही पदस्थ रेंजर ने ही लगाए है। DFO साहिबा से फेंकूराम लस्कार इतना परेशान हो गया कि पुलिस से शिकायत करनी पड़ी जिसपर DFO ने भी अपनी सफाई पेश की।
सूरजपुर से मैडम पटवारी का लोगों से मारपीट और पंखाजूर के डैम से लाखों लीटर पानी बहाने वाले फूड इंस्पेक्टर को, लोग भूले भी नहीं थे और अब अफसरशाही का ये नया मामला।जाहिर है मामला अफसरशाही से जुड़ा है तो प्रदेश की सियासत भी मामले पर गरमाने लगी। कांग्रेस-बीजेपी ने एक दूसरे के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और अफसरशाही पर तंज कस दिया।
बात रमन सरकार की हो या मौजूदा कांग्रेस सरकार की, अफसरशाही को लेकर हर कार्यकाल में ये मुद्दे उठते हैं और महज सियासत गरमाने के काम आते हैं, लेकिन सवाल यही है कि प्रदेश की जनता पर अफसरशाही कब तक भारी पड़ेगी।
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