Rangbhari Ekadashi 2024 Upay: रंगभरी एकादशी 20 मार्च को है। यदि आप भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो रंगभरी एकादशी पर कुछ खास उपाय करना न भूलें।
रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi 2024) को आमलकी एकादशी भी कहते हैं। चलिए जानते हैं पंडित सनत कुमार खंपरिया से कि आमलकी एकादशी पर क्या उपाय किए जाने चाहिए।
रंगभरी एकादशी के उपाय Rangbhari Ekadashi 2024
1. कार्य में तरक्की के लिए
अगर आपके कार्य सफल नहीं हो रहे हैं। तो आपको अमालकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024) के दिन आंवले का पेड़ लगाना चाहिए। इससे आपके जीवन में धन संपत्ति आती है। रंगभरी एकादशी का दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास माना जाता है।
2. हर कार्य में सफलता के उपाय
अगर आपको लगातार प्रयास किए जाने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो आपको रंगभरी एकादशी के लिए 21 ताजे पीले फूलों की माला भगवान विष्णु को चढ़ाना चाहिए। साथ इस अगर आप खोए की मिठाई बनाकर भी भगवान को भोग लगाएं। इससे आपको हर कार्य में सफलता मिलती है।
3. सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के उपाय
यदि आपकी कोई मनोकामना पूरी नहीं हो रही है तो आपको आमलकी एकादशी के दिन आंवले का भोग भगवान को लगाकर उसे स्वयं ग्रहण करना चाहिए।
इससे आपकी सभी मनोकामना पूरी हो सकती है।
4. धन प्राप्ति के उपाय
अगर आप आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में धन प्राप्ति के लिए आप एक उपाय कर सकते हैं। इसके अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद एकाक्षी नारियल भगवान विष्णु को अर्पित करें। इसके बाद इस नारियल को एक पीले कपड़ें में बांध कर तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह में रख लें।
5. कार्यक्षेत्र में आ रही समस्याओं को दूर करने के उपाय
अगर आपको कार्यक्षेत्र में समस्या आ रही है तो आप आप रंगभरी एकादशी के दिन आवंले के पेड़ पर जल अर्पित करके इसकी मिट्टी माथे पर लगाएं। इससे आपके कार्यक्षेत्र में आ रही सारी समस्याएं दूर हो जाएंगीं।
6. पति-पत्नी के झगड़े दूर करने के उपाय
यदि व्यक्ति के दांपत्य जीवन में लगातार झगड़े हो रहे हैं या लड़ाई होती रहती है। तो कंडीशन में पति-पत्नी के बीच चल रहे झगड़ों को दूर करने के लिए आप आंवले के वृक्ष पर सात बार सूत का धागा लपेटने से समस्या दूर होती है। इसके बाद घी का दीपक जला कर तनाव दूर करने की प्रार्थना करें।
7. रंगभरी एकादशी 2024 मुहूर्त (Rangbhari Ekadashi 2024 Muhurat)
रंगभरी एकादशी प्रारंभ तिथि: 20 मार्च रात 00:21 मिनट पर
रंगभरी एकादशी समाप्ति तिथि: 21 मार्च रात 2:22 मिनट तक
आमलकी या रंगभरी एकादशी व्रत पारण के नियम-
इस व्रत में अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है।
व्रत पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले कर लें।
व्रत पारण हरि वासर के वक्त नहीं करना चाहिए। आपको बता दें हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि को कहते हैं।
इस व्रत तोड़ने का सबसे अच्छा समय प्रातः काल का होता है।
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