Ramsar Sites: अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड सिटी के दर्जे के लिए भारत के 3 शहरों का नामांकन किया गया है। इन शहरों में एमपी के 2 शहर शामिल हैं, जो कि भोपाल और इंदौर हैं। इसके साथ उदयपुर का भी नामांकन किया गया है।
अगस्त 2022 में इंदौर जिले के सिरपुर तालाब और यशवंत सागर को रामसर साइट घोषित किया गया। वहीं मध्य प्रदेश की सबसे पहली रामसर साइट वर्ष 2002 में भोपाल का बड़ा तालाब को घोषित किया गया। अब इन दोनों शहरों को रामसर वेटलैंड सिटी घोषित करने के लिए भारत सरकार की ओर से नामांकन दाखिल किया गया है।
इसके अलावा 8 वेटलैंड वाले राजस्थान के उदयपुर का भी नामांकन रामसर वेटलैंड सिटी के लिए जमा किया गया है। इस बात को जानकारी देते हुए भूपेन्द्र यादव ने भी ट्वीट किया।
Delighted to announce the nomination of India's first three cities – Indore, Bhopal, and Udaipur – submitted to @RamsarConv for its prestigious voluntary Wetland City Accreditation scheme. The scheme aims to promote conservation and wise use of urban and peri-urban wetlands as… pic.twitter.com/l7hOFsotP0
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 4, 2024
भूपेन्द्र यादव ने किया ट्वीट
उन्होंने लिखा, “यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत के पहले 3 शहरों – इंदौर, भोपाल और उदयपुर – को इसकी प्रतिष्ठित स्वैच्छिक वेटलैंड सिटी प्रत्यायन योजना के लिए रामसर को नामांकन सौंपा गया है। इस योजना का उद्देश्य शहरी और पेरी-शहरी आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमान उपयोग के साथ-साथ स्थानीय आबादी के लिए स्थायी सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देना है।
यह उन शहरों के लिए भी एक अवसर प्रदान करेगा जो अपनी प्राकृतिक या मानव निर्मित आर्द्रभूमि को महत्व देते हैं और उन्हें आर्द्रभूमि के साथ मजबूत सकारात्मक संबंधों को प्रदर्शित करने के अपने प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता और सकारात्मक ब्रांडिंग के अवसर प्राप्त होंगे।
यह सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से संरक्षण और संरक्षण के माध्यम से समृद्धि के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।”
क्या है रामसर साइट?
रामसर साइट के अंतर्गत आर्द्रभूमि आवासों की एक सीरीज, झीलों, नदियों, भूमिगत और प्राकृतिक चीजों का संरक्षण और उनका विकास किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों (Wetland) पर रामसर सम्मेलन विशेष रूप से जलपक्षी आवास के रूप में आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसे वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है।
रामसर सम्मेलन को वर्ष 1971 में शुरू किया गया था। आर्द्रभूमि सम्मेलन का नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है जहां इस पर पहली बार हस्ताक्षर किए गए थे। दक्षिण एशियाई देशों में भारत में रामसर साइटों की संख्या सबसे अधिक है। भारत में अब कुल 54 रामसर-नामित आर्द्रभूमि हैं।
17 देशों के 43 शहर वेटलैंड सिटी
विश्व पटल पर 17 देशों के 43 शहर वेटलैंड सिटी घोषित किए जा चुके हैं। इनमें चीन का वुहान, श्रीलंका का कोलंबो और साउथ अफ्रीका का केपटाउन जैसे शहर शामिल हैं।
भोपाल में एक रामसर साइट सहित 132 वेटलैंड
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रामसर साइट (बड़ा तालाब) सहित 132 वेटलैंड है। भोपाल में झील-तालाबों के अलावा जंगल और वन्य प्राणी भी बहुतायत में हैं। ऐसे में यदि भोपाल वेटलैंड सिटी घोषित होती तो इनके संरक्षण को बल मिलेगा।
भारत में नहीं है एक भी वेटलैंड सिटी
भारत में सैंकड़ों वेटलैंड हैं। इनमें से 42 अंतर्राष्ट्रीय महत्व की रामसर साइट घोषित है। वहीं मध्यप्रदेश में भी सैकड़ों की संख्या में वेटलैंड हैं। इनमें भोपाल का बड़ा तालाब, इंदौर का यशवंत सागर समेत चार रामसर साइट घोषित है। दो और वेटलैंड को रामसर साइट घोषित करवाने की कवायद चालू है।
इसके अलावा राज्य ने मध्य प्रदेश में 120 आर्द्रभूमियों की एक सूची केंद्र सरकार को भेजी है। इन सभी का राष्ट्रीय जलीय पारिस्थिकी संरक्षण योजना (एनपीसीए) के तहत संरक्षण और कायाकल्प कार्यक्रम में शामिल किया गया है। हालांकि इसके बाद भी वर्तमान में भारत में किसी भी शहर को वेटलैंड सिटी के रूप में मान्यता नहीं मिली है।
वेटलैंड सिटी के लिए इसलिए उपयुक्त है हमारी राजधानी
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा वेटलैंड यानी आर्दभूमि 132 भोपाल जिले में ही है। प्रदेश की पहली रामसर साइट भी वर्ष 2002 में भोपाल के बड़े तालाब को ही घोषित की गई।
यह शहर ताल तलैयों के अलावा वनों और पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो पर्यावरण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, साथ ही यहां के पारिस्थितिक तंत्र को एक विशेष कैटेगिरी में रखता है।
वेटलैंड सिटी घोषित होने के बाद यह मिलेगा फायदा
भोपाल प्राकृतिक दृष्टिकोण से बेहद समृद्ध शहर है। यह एशिया का एकमात्र ऐसा शहर है जहां टाइगर मूवमेंट शहर के बेहद नजदीक है। यहां के बड़ा तालाब, कलियासोत, केरवा, शाहपुरा लेक, वन विहार क्षेत्र में हर साल यूरोप, आयरलैंड, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों के प्रवासी पक्षी आते हैं। वेटलैंड सिटी घोषित होने पर इन जलस्त्रोतों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा। जलस्त्रोतों के कैचमेंट मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, ईको ट्यूरिज्म, एग्रो ट्यूरिज्म आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
सर्वाधिक वेटलैंड सिटी वाले देश
देश का नाम |
वेटलैंड सिटी की संख्या |
चीन |
13 |
रिपब्लिक ऑफ कोरिया |
07 |
फ्रांस |
06 |
जापान |
02 |
इंडोनेशिया |
02 |
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान |
02 |
11 देशों के एक-एक शहर वेटलैंड सिटी
कनाडा, मोरोको, थाइलैंड, स्पैन, साउथ अफ्रीका, रवांडा, ईराक, हंग्री, श्रीलंका, तुनसानिया और मादागासकर देशों में एक-एक शहर सिटी वेटलैंड घोषित है। रामसर ने वर्ष 2018 में 7 देशों के 18 शहर और वर्ष 2022 में 13 देशों के 25 शहरों को वेटलैंड सिटी के रूप में मान्यता दी है।
रामसर घोषित करती है वेटलैंड सिटी का दर्जा
वेटलैंड सिटी के लिए जिला वेटलैंड समिति के माध्यम से स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजती है, जिसके बाद मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त रामसर संगठन को आवेदन किया जाता है। सभी मापदंडों को पूरा करने के बाद रामसर ही वेटलैंड सिटी घोषित करता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय महत्व का दर्जा है।
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