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रामेश्वरम ट्रेन सेवा फिर से शुरू होगी: देश का पहला मूविंग ब्रिज तैयार, अब 5 मिनट में पहुंचेंगे मंडपम से पंबन द्वीप

Rameswaram Train Pamban Rail Bridge Update तमिलनाडु को रामेश्वरम से जोड़ने वाला देश का पहला वर्टिकल रेल ब्रिज अब तैयार हो चुका है. यह समंदर पर बना 2 किमी लंबा नया पंबन ब्रिज है

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Manya Jain
New Vertical Pamban Bridge

New Vertical Pamban Bridge

New Vertical Pamban Bridge: तमिलनाडु को रामेश्वरम से जोड़ने वाला देश का पहला वर्टिकल रेल ब्रिज अब तैयार हो चुका है. यह अरब सागर पर बना 2 किमी लंबा नया पंबन ब्रिज है. हाल ही में इस ब्रिज पर ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया है.

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इस ब्रिज पर से ट्रेन करीब 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गुजरेगी. बता दें इस पुल की लंबाई लगभग 2.2 किलोमीटर है. यह भारत के पुलों में से सबसे अनोखा पुल है.

इस ब्रिज की खासियत यह है कि ट्रेन ऊपर चलेगी, जबकि नीचे से जहाज गुजर सकेंगे। इससे यात्रियों को रामेश्वरम पहुंचने में महज 5 मिनट का समय लगेगा.

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15 दिसंबर से शुरू होगा ब्रिज 

अगर आप 15 दिसंबर के बाद तमिलनाडु के रामेश्वरम धाम की यात्रा करते हैं, तो ट्रेन से मंडपम से पंबन द्वीप मात्र 5 मिनट में पहुंच सकते हैं. मंडपम और पंबन को समंदर में जोड़ने वाला 2.2 किलोमीटर लंबा ब्रिज पूरा हो गया है.

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यह ब्रिज 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज के बगल में बनाया गया है. बता दें यह नया ब्रिज पुराने ब्रिज की जर्जर स्थिति के कारण ट्रेन यहां केवल 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, जिससे यात्रा में 25 मिनट लगते हैं.

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वहीं अब नए ब्रिज पुराने से 3 मीटर ऊंचा है और यह देश का पहला वर्टीकल ब्रिज भी है. जो जहाजों के गुजरने समय 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है. इस ब्रिज के शुरू होने से रामेश्वरम के लिए 22 महीने से बंद ट्रेन सेवा फिर से शुरू हो जाएगी.

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क्या है ब्रिज की खासियत ?

यह नया पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टीकल लिफ्ट ब्रिज है, जो समुद्र में 6,790 फीट लंबा और 100 मेहराबों से बना है, जिनमें से 99 मेहराब 18.3 मीटर ऊंचे हैं, जबकि केंद्र में स्थित वर्टीकल आर्च की उंचाई 72.5 मीटर है.

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यह ब्रिज पुराने पंबन पुल से 3 मीटर ऊंचा है. जानकारी के मुताबिक भविष्य में डबल ट्रैक निर्माण की सुविधा के लिए विशेष नींव और सरंचना है. इसे रेलवे अनुसंधान डिज़ाइन और मानक संगठन (RTSO) द्वारा मंजूरी प्राप्त है और यहां की सभी निर्माण प्रक्रिया रामनाथपुरम के पास चतराकुडी रेलवे स्टेशन पर समर्पित कार्यशाला में पूरी की जाती हैं.

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यह ब्रिज एक स्वचालित इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से लैस है, जो 17 मीटर तक ब्रिज के हिस्से को उठाकर जहाजों को गुजरने का रास्ता देती है. यह समुद्र के बीच स्थित रेलवे पुल एक तकनीकी चमत्कार है, और रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में यहां ट्रेन सेवाएं शुरू हो जाएंगी.

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