गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद RamNath Kovind in Gorakhpur ने शनिवार को कहा कि तनाव और चिंता से भरे आधुनिक समय में योग मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य का मार्ग है तथा योग को अपनाने से व्यक्ति आरोग्य के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त करता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय ‘महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय’ का यहां शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।
कोविंद ने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में विशेष कर दूसरी लहर में आयुष चिकित्सा पद्धतियों ने लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा उन्हें संक्रमण मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में जड़ी बूटियों के ज्ञान की समृद्ध परंपरा रही है, पिछले दो दशकों में पूरे देश में आयुष चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है, इसकी मांग बढ़ी है और RamNath Kovind in Gorakhpur इससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
LIVE: President Kovind lays the foundation stone of the Mahayogi Guru Gorakhnath AYUSH Vishwavidyalaya https://t.co/LTFuaj44Zc
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उन्होंने कहा,‘‘ ऐसा विश्वास है कि खनिजों और धातुओं को औषधि के रूप में तैयार करके आपात चिकित्सा के रूप में इसके प्रयोग के प्रवर्तकों में बाबा गोरखनाथ प्रमुख रहे हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहे आयुष विश्वविद्यालय का नाम ‘महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय रखा जाना सर्वथा उचित है।’’
कोविंद ने कहा, ”गोरखनाथ जी ने सदा ईमानदारी, कथनी और करनी के मेल और बाह्य आडंबरों से मुक्ति की शिक्षा दी और योग RamNath Kovind in Gorakhpur को दया-दान का मूल कहा। उनके चरित्र, व्यक्तित्व से कबीर भी प्रभावित हुए। गोस्वामी तुलसीदास ने भी योग के क्षेत्र में गुरु गोरखनाथ के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा कि ‘गोरख जगायो जोग’, अर्थात गुरु गोरखनाथ ने जनसाधारण में योग का अभूतपूर्व प्रचार और प्रसार किया है।”
ऋग्वेद के समय से योग का जुड़ाव भारत के जन-मानस के साथ रहा है।
तनाव और चिंता से भरे आधुनिक समय में मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य का मार्ग, योग से उपलब्ध होता है। pic.twitter.com/deP13qnKIE
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कोविंद ने कहा, ”भारतवर्ष विविधता में एकता का उत्तम उदाहरण है जो कुछ कल्याणकारी, सहज, सुगम और उपयोगी है, उसे अपनाने में भारतवासी कभी संकोच नहीं करते हैं। देश में विभिन्न प्रकार की चिकित्सा RamNath Kovind in Gorakhpur पद्धतियों का प्रचलन भी हमारी इसी सोच का परिणाम है। योग, आयुर्वेद विश्व को भारत की देन है।”
उन्होंने कहा कि ”महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा के प्रबल पक्षधर थे और कहा करते थे कि शारीरिक उपचार के साधन हमारी प्रकृति में भी मौजूद हैं। वे इस बात से बहुत व्यथित रहते थे कि आधुनिक शिक्षा का संबंध हमारे दिन प्रतिदिन के जीवन के साथ RamNath Kovind in Gorakhpur नहीं है।’’
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा के प्रबल पक्षधर थे और कहा करते थे कि शारीरिक उपचार के साधन, हमारी प्रकृति में ही मौजूद हैं। pic.twitter.com/BeICqR49UG
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कोविंद ने जोर दिया कि ” विद्यार्थियों को गांव व खेतों में पैदा होने वाली फसलों तथा वनस्पतियों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।वनस्पतियों के बारे में जानकारी होने से सामान्य रोगों का उपचार कम RamNath Kovind in Gorakhpur खर्च में हो जाता है और जीवन सुगम हो जाता है।” उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रपति और देश की प्रथम महिला सविता कोविंद का स्वागत किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि योग विश्व की अमूल्य धरोहर है और इस धरोहर को आगे बढ़ाने का अभिनंदनीय कार्य प्रधानमंत्री ने किया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,‘‘ यह हम सबका सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री ने भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी और विश्व योग RamNath Kovind in Gorakhpur दिवस का 21 जून को मनाया जाना उसका प्रमाण है।’’
कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में आयुष चिकित्सा पद्धतियों ने लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने तथा उन्हें संक्रमण से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। pic.twitter.com/IE6CWWfBRS
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उन्होंने RamNath Kovind in Gorakhpur ‘महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश में 94 आयुष महाविद्यालय हैं जिनमें 7500 स्नातक और 525 सीटें परास्नातक स्तर पर हैं और इन सबको सम्बद्ध करने के लिए यह विश्वविद्यालय कार्य करना प्रारंभ करेगा और इससे शैक्षणिक सत्र को नियमित करने और एकरूपता लाने में सफलता प्राप्त होगी।
LIVE: President Kovind inaugurates the Mahayogi Gorakhnath Vishwavidyalaya at Gorakhpur. https://t.co/zY5STJtmGY
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