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Raksha Bandhan Subhmuhurat: अयोध्या के विद्वानों ने रक्षाबंधन को लेकर कहा-केवल इतने घंटे ही रहेगा शुभ मुर्हूत, तभी बांधे

Raksha Bandhan Subhmuhurat 2025: ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण शर्मा ने बताया कि 9 अगस्त, शनिवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह से लेकर दोपहर

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anurag dubey
Raksha Bandhan Subhmuhurat: अयोध्या के विद्वानों ने रक्षाबंधन को लेकर कहा-केवल इतने घंटे ही रहेगा शुभ मुर्हूत, तभी बांधे

हाइलाइट्स

  • राखी बांधने के लिए मिलेगा लंबा शुभ मुहूर्त
  • ग्रह-नक्षत्रों का दुर्लभ और शुभ संयोग
  • योध्या के विद्वानों ने रक्षाबंधन को लेकर कहा
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Raksha Bandhan Subhmuhurat 2025: भाई-बहन के असीम प्रेम और अटूट रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 9 अगस्त, शनिवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। अयोध्या के प्रमुख विद्वानों और ज्योतिषियों ने इस बार के रक्षाबंधन को लेकर विशेष जानकारी दी है, जिसके अनुसार बहनों को राखी बांधने के लिए पर्याप्त और शुभ समय मिलेगा। इस बार भद्रा का कोई प्रभाव नहीं रहेगा, जिससे दिनभर शुभता बनी रहेगी।

राखी बांधने के लिए मिलेगा लंबा शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण शर्मा ने बताया कि 9 अगस्त, शनिवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह से लेकर दोपहर 2:24 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद भी दिनभर कई शुभ योग बने रहेंगे, जिससे राखी बांधने के लिए कुल सात घंटे 37 मिनट का लंबा शुभ समय उपलब्ध होगा। यह बहनों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि उन्हें भद्रा के कारण किसी विशेष समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और वे दिन में कभी भी अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। पंडित प्रवीण शर्मा ने शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि जब भद्रा भूलोक पर होती है, तब शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसी कोई स्थिति नहीं होगी, अतः बहनें पूरे दिन राखी बांध सकती हैं।

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ग्रह-नक्षत्रों का दुर्लभ और शुभ संयोग

इस बार का रक्षाबंधन ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ और शुभ संयोग वाला दिन रहेगा। ऐसा संयोग कई वर्षों पहले बना था। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 9 अगस्त शनिवार को श्रवण नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, जिसकी स्वामिनी शनि है, और शनिवार का स्वामी भी शनि है। श्रवण नक्षत्र स्वयं शनि की राशि में आता है। शास्त्रों के अनुसार, श्रवण नक्षत्र के अधिपति भगवान विष्णु हैं, जबकि सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा हैं। इसलिए यह पर्व ब्रह्मा-विष्णु की साक्षी में संपन्न होगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से और भी पावन बना देता है।

रक्षाबंधन पर बन रहे तीन शुभ संयोग

पंडित प्रवीण शर्मा के अनुसार, राखी बांधने का सबसे शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। इस दौरान बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन ग्रहों की स्थिति भी अत्यंत अनुकूल रहेगी:

  • सूर्य कर्क राशि में
  • चंद्रमा मकर राशि में
  • मंगल कन्या राशि में
  • बुध कर्क राशि में
  • गुरु और शुक्र मिथुन राशि में
  • राहु कुंभ राशि में
  • केतु सिंह राशि में
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