नई दिल्ली। राखी को मात्र तीन दिन शेष हैं। Raksha Bandhan Puja Thali ऐसे में बहनों ने रक्षाबंधन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक 22 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस shri fal अवसर पर पूजा की थाली सजा कर उसमें सभी आवश्यक चीजें रखी जाती हैं। ऐसे में भाइयों को बहने श्रीफल भी भेंट करती हैं। आइए हम बातते हैं कि श्रीफल ही क्यों भेंट किया जाता हैं। साथ ही देंगे थाली सजाने को लेकर कुछ टिप्स।
इसलिए भेंट करते है श्रीफल
चाहे रक्षाबंधन हो भाई दूज। दोनों ही पर्व shri fal पर बहनें अपने भाइयों को श्रीफल जरूर भेंट करती हैं। पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार श्रीफल का शाब्दिक अर्थ है श्री यानि लक्ष्मी जी। पूरा अर्थ हुआ लक्ष्मी जी का फल। हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य की शुरूआत श्रीफल के साथ की जाती है। बहनें भी अपने भाइयों को श्रीफल के रूप में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भेंट करती हैं। भेंट स्वरूप में हमेशा पानी वाला यानि कच्चा नारियल भेंट किया जाता है। ताकि जल तत्व की प्रधानता भी रहे।
ऐसे सजाएं थाली —
— पूजा की थाली लगाने से पहले उसमें गंगाजल छिड़क लें। उसमें कुमकुम, रोली रखें। इसी कुमकुम से बहनें भाइयों का तिलक करती हैं।
— कोई भी पूजा अक्षत के बिना अधूरी मानी जाती है। rakshabandhan 2021 रक्षाबंधन की थाली में भी चावल यानी अक्षत का होना बहुत जरूरी है। हिंदू धर्म में तिलक के साथ अक्षत को भी माथे पर लगाने का विशेष महत्व है। चावल खंडित न हों।
— हिन्दू धर्म में राखी बांधते समय भाई के सिर को कपड़े से ढकना जरूरी होता है। राखी बंधवाने के बाद बहनें अपने भाई को नारियल देती हैं। अत: थाली में नारियल और रूमाल, दोनों चीजों को रखने न भूलें।
— रक्षा सूत्र यानी राखी रक्षाबंधन की थाली का मुख्य अंग है। इस दिन बहनें अपने भाई के लिए राखी खरीद कर उसे भाई की कलाई पर बांधती हैं। वैसे तो भाई अपनी बहनों के लिए तोहफा देते हैं। पर चाहें तो बहने अपने छोटे भाइयों के लिए इसके साथ उपहार भी रख सकती हैं।— राखी बांधने के बाद भाई का मुंह मीठा किया जाता है। अत: इस थाली में भाई के पसंद की मिठाई जरूर रखें।— राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारने के लिए दीपक रखना न भूलें।
— गंगाजल से भरा कलश थाली में रखना शुभ माना जाता है। इसी शुद्ध जल से ही टीका करें।
( ये जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)