Kya 16 August ko Rakhi Bandh Sakte Hain: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पर कभी कभी किसी कारणवश यदि आप अपनी बहिनों से राखी नहीं बंधवा पाएं हैं तो चलिए जानते हैं कि ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार रक्षाबंधन के बाद राखी कब बंधवाई जा सकती (Kya16 August ko Rakhi Bandh Sakte Hain) है।
दोपहर इतने बजे का मुहूर्त सबसे शुभ
आज 9 अगस्त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर सुबह 9:07 बजे से 10:47 तक का राहुकाल निकल चुका है। इसके बाद अब दिन भर राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
मुहूर्त / काल | दिनांक | समयावधि |
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अभिजित मुहूर्त | अगस्त 10 | दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक |
अमृत काल | अगस्त 10 | सुबह 03:42 बजे से 05:16 बजे तक |
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएं
जानिए क्या है रक्षाबंधन के पीछे की कहानी
कई लोगों के मन में उठता है कि आखिर रक्षाबंधन पर्व के पीछे की कहानी क्या है और यह कब शुरु हुआ।
* पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार यूं तो रक्षाबंधन पर्व को लेकर कई कथाएं समाने आती हैं, लेकिन इसका मुख्य पौराणिक कथा माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई है, जिसके चलते आज भी रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है।
* पंडित सनतकुमार खम्परिया के अनुसार वृत्तासुर से युद्ध करते समय जाने से पहले इंद्र को उनकी पत्नि शची ने रक्षा सूत्र बांधा था। इसके बाद से ही रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा। लेकिन इस त्यौहार की खास बात भाई बहन के रक्षासूत्र से जुड़ी हुई है। ऐसे में रक्षाबंधन त्यौहार तब बना, जब इस सूत्र से देवी माता लक्ष्मी का नाता जुड़ा।
*दरअसल स्कंद पुराण, पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत पुराण मुताबिक जब भगवान विष्णु के प्रथम अवतार वामन ने महाराज बली से ढाई पग भूमि मांगने के बाद बलि को पाताललोक का राजा बना दिया, मौका देख राजा बलि ने भगवान से एक वरदान मांग लिया, जिसके अनुसार भगवान को रात-दिन उनके सामने रहने का वचन देना पड़ा।
और ऐसे बचाया मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को
वामनावतार के बाद दरअसल भगवन विष्णु को देवी लक्ष्मी के पास पुन: वापस जाना था। लेकिन इस वरदान ने भगवान विष्णु को रोक दिया और वे वहीं रसातल में बलि की सेवा में करने लगे। जब इस बारे में पता चला तो मां लक्ष्मी चिंतित हो गई। मां की इस स्थिति को देख नारदजी ने मां लक्ष्मी को उपाय बताया। जिसके अनुसार उन्होंने राजा बलि को उनका भाई बनाकर अपनी रक्षा का वचन मांगने की सलाह दी। तब मां लक्ष्मी ने साधारण महिला का रूप धारण किया।
रोते हुए राजा बलि के दरबार में पहुंची तो उन्होंने मां से उनके रोने का कारण पूछा। मां ने कहा कि मेरा कोई भाई है। मैं क्या करूं महाराज। उनकी व्यथा सुनकर राजा बलि ने उन्हें अपनी धर्म बहन बनाने का प्रस्ताव रखा। साधारण महिला के रूप में आईं मां लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा और वचन लिया कि वह उन्हें दक्षिणा भी देंगे। राजा बालि ने उन्हें ये वचन दे दिया।
वचन मिलते ही माता लक्ष्मी ने असली रूप में आ गईं। वे बोलीं कि यदि आपने मुझे अपनी बहन माना है तो दक्षिणा के रूप में आप मुझे मेरे पति को लौटा दें। जिस पर अपने वचन का पालन करते हुए राजा बलि ने मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु को लौटा दिया।
इस प्रकार राजा बलि को अपना भाई बनाने के बाद मां लक्ष्मी श्रीहरि को वचन से मुक्त करा कर साथ ले गई। मान्यता के अनुसार यह घटना श्रावण मास की पूर्णिमा को घटी थी। तभी से इस दिन रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) मनाया जाने लगा।
क्या 16 अगस्त को बांध सकते हैं राखी (18 August ko Rakhi Bandh sakte Hai)
कई लोगों के मन में सवाल चलता है कि रक्षाबंधन के बाद कब राखी बांधी जा सकती है, क्या 18 अगस्त को राखी बांध सकते हैं, तो आपको बता दें हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार आएगा। जो लोग रक्षाबंधन के दिन राखी नहीं बांध पाते हैं वे जन्माष्टमी पर राखी बांध सकते हैं।