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बिहार/बोतिया : आज के डिजिटल युग में देखा जाए तो अधिकतर रोजमर्रा का कामकाज ऑनलाइन हो गया है। छोटे दुकानदारो से लेकर बड़े दुकानदार ऑनलाइन आपना व्यापार कर रहे है। क्यूआर कोड के जरिए आजकल लेनदेन काफी सुविधाजनक हो गया है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि सड़क पर भीख मांगने वाला भिखारी भी आजकल ऑनलाइन भीख लेने लगा है। जी हां यह सच है।
दरअसल, मामला बिहार के बोतिया रेलवे स्टेशन का है यहां एक भिखारी गले में ई-वॉलेट का क्यूआर कोड़ टांगकर भीख मांगता है। क्यूआर कोड के जरिए भीख मांगने वाले इस भिखारी का नाम राजू है। राजू नामक इस भिखारी की कुछ तस्वीरे इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
बचपन से स्टेशन पर मांग रहा भीख
बोतिया रेलवे स्टेशन पर भी भीख मांगने वाला राजू बचपन से ही स्टेशन पर भीख मांगने का काम करता है। राजू की उम्र 40 साल है, वह बसावरिया के वार्ड नं 30 का रहने वाला है। उसके पिता का नाम प्रभुनाथ प्रसाद है। इन दिनों राजू अपने गले में ई-वॉलेट का क्यूआर कोड टांग कर भीख मांगने काे लेकर सुर्खियों में है। राजू की माने तो जब लोग कहते है कि उनके पास छुट्टे नही है, इसलिए उसने बैंक में खाता खुलवाया है। जिसके बाद से राजू को भीख मांगने में और आसानी हो गई है। अब राजू लोगों से नगद पैसे लेने को नहीं कहता, बल्कि वह लोगों को क्यूआर कोड से ऑनलाइन पैसे देने को कहता है। राजू गूगल पे और फोन पे आदि के क्यूआर कोड के जरिए भीख मांगता है। राजू भिखारी अपने इस अंदाज को लेकर काफी सुर्खियों में है।
पूर्व सीएम लालू का बेटा राजू भिखारी
खबरों के अनुसार राजू मंदबुद्धि है वह करीब 3 दशक से भीख मांगकर अपना पेट भरने का काम कर रहा है। लोग जब राजू से पूछते है कि उसके पिता का नाम क्या है तो वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अपना पिता बताता है, जबकि राजू को पीएम मोदी का अंधभक्त बताया जाता है। वही लालू यादव भी खुद राजू के फैन थे, जब भी चंपारण जिले में लालू को कोई भी कार्यक्रम होता था, राजू उस कार्यक्रम में जरूर शामिल होता था। लालू यादव राजू के इतने फैन हो गए थे की साल 2005 से 2015 तक लालू यादव के कहने पर राजू को ट्रेन की पेंट्रकार से रोज खाने का पैकेट दिया जाता था, लेकिन 2015 के बाद से अबतक राजू अपने खुद के पैसों से अपना भेट करने का काम कर रहा है।
खाता खुलवाने में बेलने पड़े पापड़
राजू का कहना है कि जब उसने बैंक में खाता खुलवाने के लिए बैंक गया तो उससे आधार कार्ड और पैन कार्ड की मांग की गई, लेकिन उसके पास आधार कार्ड तो था, लेकिन पैन कार्ड नहीं था। इसके बाद उसने पैन कार्ड बनवाया। इसके बाद बेतिया की एसबीआई बैंक में अपना खाता खुलवाया। इसके बाद उसने ई-वॉलेट बनवाया जिसके माध्यम से आज राजू ऑनलाइन भीख मांगता है।
क्या होता है क्यूआर कोड?
क्या आपको पता है क्यूआर कोर्ड क्या होता है और ये कैसे काम करता है? क्यूआर कोर्ड एक छोटे बॉक्स में कुछ अजीब से पैटर्न में बना होता है, जिसमें खाता धारक की पहचान छुपी होती है। क्यूआर कोर्ड को अगर अपनी आंखों से देखा जाए तो उसमें छीपी पहचान नही दिखाई देती है, लेकिन जब उसे स्कैन किया जाए तो हमे पता चलता है कि खाता धारक कौन है, इसलिए क्यूआर कोर्ड को अजीब पैटर्न में बनाया जाता है। वैसे आपको बता देते है कि क्यूआर कोड का फुल फॉर्म है क्विक रिस्पॉन्स कोड है।
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