Rajnath Singh: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार, 8 सितंबर को जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रामबन विधानसभा में सभा में संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने अपनी इस रैली में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा। उन्होंने 2001 संसद हमले के आरोपी की फांसी पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि क्या अफजल गुरु को फांसी की जगह माला पहनाई जानी चाहिए थी?
उमर अब्दुल्ला के बयान पर राजनाथ का पलटवार
राजनाथ सिंह ने उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि “मैंने सुना है कि नेता उमर अब्दुल्ला साहब ने बोला कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी, क्या उनको सभी के सामने माला पहनानी थी। ये लोग बोलते हैं कि वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री ने पीओके (POK) को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि पीओके के लोग भी भारत में शामिल होना चाहेंगे, भारत भी पीओके के लोगों को अपना मानता है।
‘अनुच्छेद 370 को खत्म करने की किसी में ताकत नहीं’
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि, “मैं आप लोगों से जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सरकार बनाने का अनुरोध करता हूं। जम्मू-कश्मीर में विकास देखने के बाद पीओके के लोग कहेंगे कि हम पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते हैं, हमें भारत के साथ जाना है। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर भी जमकर निशाना साधा। रक्षा मंत्री ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, जिसके साथ कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन किया है, चुनावी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की कसम खाई है। अनुछेद 370 को खत्म करने की हिम्मत किसी में नहीं है, हमने जम्मू-कश्मीर में बदलाव लाया है।
‘जम्मू-कश्मीर अब लोगों के लिए पर्यटन केंद्र’
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर आतंकवाद के केंद्र के रूप में पहचाना जाता था, अब लोगों के लिए ये जगह पर्यटन का केंद्र है। पहले कश्मीर की घाटी में युवाओं के हाथों में हथियार हुआ करते थे। अब बदलाव देखिए, उनके पास हथियार नहीं हैं, बल्कि आपको लैपटॉप और कंप्यूटर दिखाई देंगे। 2022 के बाद पत्थरबाजी की एक भी घटना नहीं हुई है।
पाकिस्तान को पहले आतंकवाद बंद करना होगा
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम किसी भी स्थिति में आतंकवादी गतिविधियों को स्वीकार नहीं करेंगे। विपक्षी नेताओं का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, कुछ लोग पाकिस्तान के साथ चर्चा करने की बात करते हैं। मैं कहना चाहूगा कि पाकिस्तान एक काम करे, आतंकवाद का सहारा लेना बंद करे। कौन नहीं चाहेगा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध बेहतर हों? हम बेहतर रिलेशन बनाना चाहते हैं, लेकिन पहले उन्हें आतंकवाद बंद करना चाहिए। उसके बाद हम बात करेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा, जब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करेगा, तब भारत उनसे वार्ता शुरू करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सबसे ज्यादा शिकार मुसलमान हुए हैं। करीब 85 प्रतिशत। उन्होंने कहा, आतंकवादी घटनाएं कश्मीर में सामान्य होती गईं। क्या हिंदू लोग इन आतंकवादी घटनाओं में मारे गए? मैं गृह मंत्री रहा हूं और मैं जानता हूं कि आतंकवादी घटनाओं में सबसे ज्यादा मुसलमानों की जान गई।”