Rajkot Game Zone Tragedy: गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट गेमिंग जोन हादसे पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। इस आगजनी में 12 बच्चों समेत 35 लोगों ने जान गंवाई थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या आप सो रहे थे ? इस घटना का जिम्मेदार कौन है ? हमें अब राज्य सरकार और सिस्टम पर भरोसा नहीं रहा।
25 मई को गेम जोन में लगी थी आग
राजकोट के नाना-मावा इलाके में 25 मई की शाम को TRP गेमिंग जोन में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर 35 लोगों की जान गई। इसमें 12 बच्चे भी शामिल थे। पुलिस के मुताबिक गेमिंग जोन में वेल्डिंग का काम होने की वजह से आग लगी। गेमिंग जोन में भारी मात्रा में अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री रखी हुई थी।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
गुजरात हाईकोर्ट ने अग्निकांड के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया है। जज बीरे वैष्णव और देवन देसाई की बेंच ने कहा कि ऐसे गेमिंग जोन और मनोरंजक सुविधाएं सक्षम प्राधिकारियों से आवश्यक मंजूरी लिए बिना बनाई गई हैं। कानून के किस प्रावधान के तहत इन गेमिंग जोन को बनाया गया है ?
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आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा कोई वकील
राजकोट बार एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। राजकोट का कोई भी वकील आरोपियों की ओर से केस नहीं लड़ेगा। वहीं अगर मृतकों के परिजन का केस वकील बिना कोई फीस लिए फ्री में लड़ेंगे।