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Jabalpur News : मजबूरी, लाचारी इंसान को क्या-क्या करने पर मजबूर नहीं कर देती है, इसका जिता जागता उदहारण जबलपुर के रिक्शा चालक राजेश के हालातों को देखकर ही लगता है। सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं तो बनाती है, लेकिन उन योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में गरीब लाचार मजबूरी में ऐसे कदम उठा देते है कि वह मिशाल भी बन जाते है तो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते है। गरीबों के जन कल्याण के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाकर गरीब कल्याण का दावा करती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पाता ऐसे मामलों को देखकर तो एक ही बात जुंबा पर आती है कि आखिर इससे बड़ी सरकार की अनदेखी क्या होगी...
जबलपुर की सड़कों पर एक हाथ में दुधमुंहा बच्चा तो दूसरे हाथ में रिक्शे का हैंडल, ये है जबलपुर के रहने वाले राजेश, जोकि एक रिक्शा चालक है। वह रोजाना अपने एक हाथ में अपने बेटे को लेते है तो दूसरे हाथ से रिक्शा चलाते है। राजेश का यह काम रोज का काम है। उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। क्योंकि राजेश की पत्नी उसके साथ नहीं रहती है। राजेश के पास ही अब बच्चे को पालने और घर में दो वक्त की रोटी कमाने की जिम्मेदारी है।
राजेश के घर में कोई नहीं है जो उसके बच्चे की देखभाल कर सके। रिक्शा चालक राजेश का कहना है कि उसके घर में कोई नहीं है, घर में बच्चे की एक बहन है। राजेश का कहना है कि वह रोजाना बच्चे को एक हाथ में लेकर रिक्शा चलाता है। वह दोंनों बच्चों की देखभाल के लिए रिक्शा चलाता है, उसका बच्चा अभी छोटा है इसलिए वह घर में नहीं रहता वह रोता है इसलिए वह उसे अपने साथ लेकर चलता है।
क्या कहते है समाज सेवी
राजेश की इस लाचारी को देखकर शहर की समाज सेवी संगीता सिंह का कहना है कि वाकई हमने खूब तरक्की कर ली है, लेकिन सड़क पर पिता और बच्चे का ये क्या हो गया है। क्या किसी को इसकी फिक्र है, क्या कोई इसकी मदद के लिए आगे आएगा।
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