नई दिल्ली। इस साल के आईपीएल की चर्चा हर किसी की जुबां पर है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि टी-20 क्रिकेट लीग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है, जिसका सटीक कारण इसकी टीम्स की शानदार जीत है।
मैदान में भी सबसे अलग है
एक से बढ़कर एक टीम्स हर मैच के साथ बेमिसाल प्रदर्शन कर रही हैं, और हर मैच के साथ कोई न कोई चर्चा का विषय दर्शकों को दे रही हैं। लेकिन इन सबसे अलग एक टीम ऐसी है, जो न सिर्फ स्कोरिंग टेबल पर, बल्कि मैदान में भी सबसे अलग है।
मैदान में साफ दिखाई देता है
हम बात कर रहे हैं राजस्थान रॉयल्स की। अपने पहले मैच के साथ ही, राजस्थान रॉयल्स ने साबित कर दिया है कि वह टी-20 जीतना ठान चुकी है। इस बेमिसाल टीम के कप्तान, संजू सैमसन ने एक मुट्ठी की तरह अपनी टीम को बाँधे रखा है, जो अपने खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए बखूबी प्रेरित करते हैं और इसका निखार मैदान में साफ दिखाई देता है।
एक मिसाल कायम की है
ऐसा कहा जाता है कि सैमसन एक ऐसे लीडर हैं, जो ठान लेते हैं, उसे करके दिखाने में विश्वास करते हैं। वे अपनी टीम के लिए एक मार्गदर्शक रहे हैं। कभी-भी अपनी टीम के विश्वास से सैमसन ने खुद को डगमगाने नहीं दिया और हमेशा सभी को प्रोत्साहित करते रहे। उनकी नेतृत्व शैली ने एक मिसाल कायम की है, जो टीम की जीत और सफलता के रूप में साफ झलकती है।
चाहे वे जोस बटलर, चहल और अश्विन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी हों, या जूनियर खिलाड़ी कुलदीप सेन और संदीप शर्मा, सैमसन के नेतृत्व में, वे सभी एक अग्रणी टीम, राजस्थान के रूप में स्कोरिंग टेबल के टॉप पर फलते-फूलते दिखाई दे रहे हैं। सैमसन अपने खिलाड़ियों को हमेशा ही आत्मविश्वासी होने की सीख देते हैं, और हर समय वे उनके साथ हैं, ऐसा आश्वासन देते हैं। अपने दमदार कौशल के साथ उन्हें बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में महारत हासिल है।
सैमसन की भूमिका की सराहना की
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपने मैच में, राजस्थान रॉयल्स की टीम के बल्ले ने जादू ही कर दिया, और इस तरह आईपीएल इतिहास में पॉवर प्ले ओवर्स में छठे सबसे ज्यादा रन बनाए। मैच में चहल ने 17 रन बनाकर 4 विकेट लिए और 300 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेल से पहले एक इंटरव्यू में बोलते हुए, चहल ने हर समय टीम का मनोबल ऊँचा रखने, अपना सर्वश्रेष्ठ देने, शांत रहकर पूरी टीम को एक सूत्र में बाँधे रखने में सैमसन की भूमिका की सराहना की।
मैच को ऐसा रुख दिया
फाइनल ओवर्स में एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा की बल्लेबाजी के साथ सीएसके के पाले में जाने वाले मैच में, सैमसन ने मैच को ऐसा रुख दिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। संदीप शर्मा को कुलदीप सेन के ऊपर फाइनल ओवर फेंकने के लिए चुना गया था, ताकि चेन्नई सुपर किंग्स के रनों को टक्कर दी जा सके।
दो ओवर्स में 40 रन की जरुरत थी, 19वें ओवर में 19 रन बने और 20वें ओवर की पहली दो गेंदें वाइड रहीं। चेन्नई सुपर किंग्स को आखिरी तीन गेंदों में सात रन की जरूरत थी, लेकिन संदीप शर्मा ने आखिरी तीन गेंदों को यॉर्कर डालकर सामने वाली टीम को जीतने में कामयाब नहीं होने दिया और हारा हुआ मैच राजस्थान रॉयल्स की झोली में ले आए। यह जीत विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, क्योंकि इसने एक दशक में पहली बार राजस्थान रॉयल्स ने चेपॉक में मैच जीतने के रूप में चिह्नित किया।
प्रभावी भूमिका निभाते हैं
सैमसन ने यह बताया है कि उन्हें मैदान के भीतर और बाहर बेहतर निर्णय लेने में महारत हासिल है, क्योंकि वे अपने खिलाड़ियों की ताकत से अच्छी तरह वाकिफ हैं और साथ ही उनकी कमियों से पार पाने में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। यह देखना रोमांचक होगा कि सैमसन एक कप्तान और खिलाड़ी दोनों के रूप में आगामी समय में मैदान पर क्या जादू चलाते हैं।
गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेलेगी
राजस्थान रॉयल्स रविवार, 16 अप्रैल को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मौजूदा चैंपियन गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेलेगी। रॉयल्स अपनी जीत की लय को बरकरार रखने और एक और जीत के साथ पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहने की कोशिश जारी रखेगी।