जयपुर : राजस्थान में पिछले करीब एक महीने से सियासी घमासान के बाद कांग्रेस की गहलोत सरकार( Gehlot government) ने विश्वास मत(won trust vote) हासिल कर लिया है। कांग्रेस से सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राज्य में अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे।
हालांकि अब सचिन पायलट के साथ कांग्रेस की सुलह हो चुकी है और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास मत भी हासिल कर लिया है।
विधानसभा में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है।
ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके बाद कांग्रेस विधायकों में खुशी की लहर देखी गई। वहीं अब राजस्थान में 21 अगस्त तक सदन को स्थगित किया गया है।
उप सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद सचिन पायलट का रुतबा पहले की तुलना में कम नजर आया। राजस्थान विधानसभा में सचिन पायलट की सीट को लेकर विवाद हो सकता है. दरअसल, विधानसभा में सचिन पायलट की सीट बदल दी गई है. उन्हें निर्दलीय विधायकों के साथ बैठाया गया है। वहीं सचिन पायलट ने कहा कि जब तक बार्डर पर हूं सरकार सुरक्षित है।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि मुझे विपक्ष के नेता द्वारा की गई टिप्पणियों की उम्मीद नहीं थी। मैं उनके तर्कों को खारिज करता हूं। कोरोना महामारी की स्थिति के बारे में कहा है मैं उससे निराश हूं। खुद प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मामले में राजस्थान एक आदर्श राज्य है।