जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक समुदाय के समावेशी विकास के लिए गठित 100 करोड़ रुपये के विकास कोष से विभिन्न योजनाओं में 98 करोड़ 55 लाख रुपये व्यय करने के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रस्ताव में क्या है खास
प्रस्ताव के अनुसार, अल्पसंख्यक समुदाय Schemes for minorities के लोगों के परम्परागत हुनर के विकास के लिए 50 लाख, अल्पसंख्यक शिल्पकारों को विपणन प्रोत्साहन एवं सहायता के लिए एक करोड़ 25 लाख, जयपुर में अंग्रेजी माध्यम के आवासीय विद्यालय के निर्माण के लिए 21 करोड़ 80 लाख, अल्पसंख्यक लोगों को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के प्रशिक्षण को दो करोड़, वक्फ भूमि या सार्वजनिक भूमि पर बने कब्रिस्तान, मदरसों एवं विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 15 राजकीय अल्पसंख्यक छात्रावासों में ई-अध्ययन कक्ष विकसित करने पर 58 लाख, अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में आधारभूत संरचना विकास के लिए 44 करोड़, इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना में ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए पांच करोड़, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, जोधपुर में अल्पसंख्यकों के उत्थान को शोध पीठ की स्थापना के लिए दो करोड़, अल्पसंख्यक कृषकों को सोलर पंप अनुदान योजना के लिए 15 करोड़ 42 लाख तथा अल्पसंख्यक मेधावी युवा प्रोत्साहन योजना के लिए एक करोड़ रुपये व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। एक सरकारी बयान के अनुसार, इस मंजूरी से अल्पसंख्यक समुदाय को कौशल विकास, शैक्षणिक गतिविधियों एवं रोजगार के बेहतर अवसर सुलभ हो सकेंगे। साथ ही इन समुदायों के समग्र विकास में सुगमता होगी।