जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे लोगों की पोल खुलती जा रही है और आज देश को कांग्रेस संगठन एवं उसकी नीतियों की पहले से भी ज्यादा जरूरत है। गहलोत ने साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदू बनाम हिंदुत्व की जो बहस छेड़ी है, उसका मर्म समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कांग्रेस स्थापना दिवस पर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और जैन- सभी समुदायों का है और सबने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी। अब जो धर्म के नाम पर बंटवारा करने का प्रयास कर रहे हैं, मैं समझता हूं कि उनकी पोल खुलती जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी राहुल गांधी ने जो हिंदू बनाम हिंदुत्व की बहस छेड़ी है, उसके मर्म को समझने की आवश्यकता है।
गहलोत ने साधु संतो के विवादस्पद बयानों की निंदा की
उसका मर्म यही था कि एक तरफ तो हिंदू हैं, जिनके महान संस्कार, संस्कृति एवं परंपराएं सदियों से हैं, जिनका भाव प्रेम, भाईचारा और मोहब्बत है और दूसरी ओर वे ताकतें हैं, जो हिंदुत्व के नाम पर राजनीति कर रही हैं।’’ गहलोत ने हाल में कुछ कार्यक्रमों के दौरान साधु-संतों द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों की निंदा करते हुए कहा कि हरिद्वार एवं रायपुर में अभी कुछ साधु-संतों ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह शर्मनाक है।
देश बड़े अजीब दौर से गुजर रहा है
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार शाम दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ के अंतिम दिन हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। इससे पहले, यति नरसिंहानंद गिरि ने गोडसे को सत्य और धर्म का प्रतीक बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी।गहलोत ने कहा, ‘‘देश बड़े अजीब दौर से गुजर रहा है और मेरा मानना है कि देश को ऐसे वक्त में कांग्रेस संगठन, उसकी विचारधारा, उसकी नीतियों और उसके कार्यक्रमों की और भी ज्यादा जरूरत है।’’