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भोपाल। मध्य प्रदेश को सांस्कृतिक रूप से बहुत ही उन्नत राज्य माना जाता है। यहां कई ऐसे पौराणिक मंदिर हैं जहां लोग एक बार तो दर्शन करना ही चाहते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है "राजा राम मंदिर" (Raja Ram Mandir) जो निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित है। यहां आज भी भगवान राम राजा की तरह पूजे जाते हैं। इतना ही नहीं पुलिस वालों के जरिए यहां भगवान राम (lord ram) को बंदूकों की सलामी भी दी जाती है। इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यहां भक्तों को प्रसाद में लड्डू पेड़े की जगह पान का बीड़ा दिया जाता है।
राम के बाल रूप को महारानी पैदल लेकर आई थीं
राजा राम की इस मंदिर में 'भगवान राम' की पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं। विदेशी सैलानी (foreign tourists) भी इस मंदिर के दर्शन करना नहीं भूलते। मंदिर निर्माण से जुड़ी हुई एक कहानी है जो आप सभी को जरूर जाननी चाहिए। कहा जाता है कि ओरछा की महारानी गणेश कुंबर राम की परम भक्त थीं। वह राम में बाल रूप को अयोध्या से ओरछा पैदल लेकर आई थीं।
महारानी अयोध्या तीर्थ पर गई हुई थीं
दरअसल, महारानी गणेश कुंबर अयोध्या की तीर्थयात्रा पर गई हुई थीं। ऐसे में उन्होंने सरयू नदी के किनारे लक्ष्मण किले के पास भगवान राम की आराधना शुरू की। यही पर उनकी मुलाकात संत तुलसीदास (Tulsidas) से हुई। तुलसीदास उस समय अयोध्या में साधनारत थे। तुलसी जी का आशीर्वाद पाकर महारानी भगवान राम के दर्शन के लिए कड़ी आराधना शुरू कर दी। काफी समय तक कठिन आराधना के बाद भी उन्हें भगवान राम के दर्शन नहीं हुए।
महारानी आहत होकर नदी में कूद गईं
इस बात से आहत होकर महारानी ने अपनी जान देने की सोची और वो सरयू नदी (Saryu River) में कूद गईं। लेकिन कहा जाता है कि ऐसा करने के बाद महारानी को नदी की गहराइयों में राम जी के दर्शन हुए। इस दर्शन में महारानी ने राम जी से ओरछा (Orchha) आने का आग्रह किया। इस प्रकार से वह भगवान राम के बाल रूप को लेकर ओरछा आईं। यहां राजा राम मंदिर इसी घटना की याद में बना है और भगवान राम की यहां राजा के अंदाज में पूजा की जाती है।
आम लोगों की तरह पहुंचते हैं मंत्री, विधायक
स्थानीय जानकार के अनुसार आज भी कोई यहां राजा बनकर नहीं आता। हालांकि, देश में आज राजतंत्र नहीं है। लेकिन कोई भी नेता, मंत्री या अधिकारी ओरछा की चाहरदीवारी क्षेत्र में शाही तरीके से नहीं आता। माना जाता है कि भगवान राम यहां के राजा है और एक राज्य में दो राजा नहीं रह सकते।
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