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हाइलाइट्स
- बरेली में कचरा गाड़ी में मिली बच्ची अब स्वस्थ।
- पुलिस की जांच में टी-शर्ट बनी सबसे अहम सुराग।
- मां ने बच्ची को टी-शर्ट में लपेटकर कर फेंका था।
Raisen Newborn Baby Girl found in Garbage Truck: रायसेन जिले के बरेली में एक कचरा गाड़ी से नवजात बच्ची मिलने का मामला सुलझ गया। इस बच्ची को घर में काम करने वाली एक महिला ने जन्म दिया था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया गया है। इस कलयुगी मां ने जिस टी‑शर्ट में लपेटकर बच्ची को कचरा गाड़ी में फेंका था। वह उसके मालिक की थी। मालिक की यह टी‑शर्ट की जांच में सुराग बनी। वहीं बच्ची स्वस्थ है अस्पताल में डॉक्टर्स की देखरेख में है। शनिवार को बाल कल्याण समिति ने डॉक्टर से हेल्थ अपडेट लिया है।
कचरा गाड़ी में मिली थी नवजात बच्ची
शुक्रवार सुबह रायसेन जिले के बरेली कस्बे में नगर पालिका की कचरा गाड़ी जब वार्ड 13 और 14 से कचरा इकट्ठा कर रही थी, तभी गाड़ी से रोने की आवाज़ आई। ड्राइवर इरशाद खान और हेल्पर रवि डागोर ने आवाज़ सुनकर गाड़ी की जांच की। नर्सिंग टेकरी मंदिर के पास गाड़ी में एक टी-शर्ट में लिपटी नवजात बच्ची मिली।
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24 घंटे में बच्ची की मां तक पहुंची पुलिस
दरअसल, कचरा गाड़ी से नवजात बच्ची मिलने का मामला समाज को झकझोरने वाला था। कचरे में सनी मासूम को जिसने भी देखा तो वह हैरान रह गया। जन्म लेने के बाद बच्ची को फेंकने वाले वाले माता-पिता के प्रति लोगों में गुस्सा था। अब पुलिस ने जांच करते हुए बच्ची की मां को ढूंढ निकाला है। सुराग बनी टी‑शर्ट ने इस रहस्य को मात्र 24 घंटे में उजागर कर दिया। मामले की जांच में सामने आया कि बच्ची को फेंकने वाली कोई और नहीं, बल्कि एक घरेलू काम करने वाली महिला थी। पुलिस ने टी-शर्ट को अहम सुराग मानते हुए आरोपी तक पहुंच गई।
पहचान से खुला राज: टी-शर्ट बना अहम सुराग
बच्ची को जिस कपड़े में लपेटा गया था, वह टी-शर्ट एक स्थानीय व्यक्ति ने पहचानी। उसने पुलिस को बताया कि यह कपड़ा उसके घर का है, जिसे होली पर उसने अपनी घरेलू काम करने वाली महिला को दिया था। यही टी-शर्ट पुलिस को महिला तक पहुंचने में मददगार बनी।
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कलयुगी मां तक पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य टीम
महिला पुलिस और स्वास्थ्य टीम ने गोपनीय तरीके से महिला के घर जाकर जांच की। महिला की हालत और व्यवहार से शक और गहराया। उसे अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसकी हाल ही में डिलीवरी हुई है और वह स्तनपान कराने की स्थिति में है।
आर्थिक तंगी बनी बच्ची को त्यागने की वजह
पूछताछ में सामने आया कि 30 वर्षीय महिला अपने पति से अलग रहती है और अपने पिता के साथ मजदूरी करती है। साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। प्रसव की जानकारी उसने न आंगनबाड़ी को दी और न किसी अस्पताल को। बच्ची को जन्म देने के बाद उसने उसे टी-शर्ट में लपेटकर कचरे में फेंक दिया।
बच्ची की हालत अब सामान्य
बीएमओ डॉ. हेमंत यादव ने बताया कि बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है और दो दिन बाद उसे बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाएगा। शनिवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आदित्य चावला, सदस्य महेंद्र प्रजापति और ममता पटेल ने अस्पताल पहुंचकर बच्ची की स्थिति की जानकारी ली।
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जानें पूरा मामला
शुक्रवार सुबह रायसेन जिले के बरेली कस्बे में मानवता को झकझोर देने वाला दृश्य सामने आया था। नगर पालिका की कचरा गाड़ी जब वार्ड क्रमांक 13 और 14 के बीच कचरा इकट्ठा कर रही थी, तभी गाड़ी से मासूम की रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही कर्मचारियों ने गाड़ी की तलाशी ली, तो उन्हें एक टी-शर्ट में लिपटी नवजात बच्ची मिली।
बच्ची की हालत देख कर्मचारियों ने तुरंत आसपास के लोगों को बुलाया। साथ ही पुलिस और सामाजिक संस्था को सूचना दी। मौके पर पहुंची संस्था ने बच्ची को तत्काल बरेली सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां वह हाइपोथर्मिया से ग्रसित पाई गई। डॉक्टरों के अनुसार, शुरुआत में बच्ची की स्थिति नाजुक थी, लेकिन अब वह पहले से बेहतर और सुरक्षित है।
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