Raipur Suitcase Murder Case Update: राजधानी रायपुर के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में सूटकेस के अंदर युवक की लाश मिलने से पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी। अब इस हत्याकांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। सीसीटीवी फुटेज, ट्रंक पर लिखे नाम और स्थानीय दुकानदार की मदद से पुलिस ने हत्या में शामिल वकील दंपति अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
जांच में सामने आया है कि हत्या पूरी तरह पूर्वनियोजित थी और शव को छिपाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई थी। आरोपी फिलहाल दिल्ली में हिरासत में हैं और उन्हें रायपुर लाने की प्रक्रिया जारी है।
सूटकेस, सीमेंट और ट्रंक से मिला युवक का शव

23 जून को डीडी नगर थाना क्षेत्र के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेस-2 में एक स्टील के ट्रंक में बंद लाल रंग के सूटकेस से युवक का शव बरामद हुआ था। फोरेंसिक जांच में पाया गया कि गर्दन पर गहरा कट था, जिससे हत्या को गला रेतकर अंजाम देना माना जा रहा है। शव को सूटकेस में बंद कर सीमेंट से पैक किया गया और फिर ट्रंक में रखकर सुनसान इलाके में फेंक दिया गया था। मृतक की पहचान किशोर पैकरा के रूप में हुई है।
ट्रंक की दुकान से मिला पहला सुराग

जांच के दौरान पुलिस को ट्रंक पर ‘हब्बू भाई’ नाम की मार्किंग मिली, जिसके बाद पुलिस गोलबाजार स्थित शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री पहुंची। दुकानदार ने जानकारी दी कि कुछ दिन पहले एक पुरुष और महिला ने वही ट्रंक खरीदा था। पास की दुकान से जुटाए गए CCTV फुटेज में आरोपी दंपति को ट्रंक को ई-रिक्शा में लोड करते देखा गया।
कॉलोनी के गेट और गाड़ियों ने खोले राज

इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के गेट पर लगे CCTV कैमरे में दिखा कि वही ट्रंक एक आल्टो कार (CG 04 B 7700) में रखा गया, और पीछे-पीछे एक महिला सफेद रंग की मोपेड से चल रही थी। इसी क्रम में पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त किया। जांच में सामने आया कि आरोपी उसी कॉलोनी में रहते थे और हत्या के बाद कॉलोनी से निकलकर दिल्ली फरार हो गए थे।
आरोपी दंपति दिल्ली से गिरफ्तार
फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर रायपुर पुलिस की टीम ने दिल्ली जाकर आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया है। अंकित उपाध्याय पेशे से वकील है। शुरुआती पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं, हालांकि हत्या के पीछे की वजह और हत्या की पूरी प्लानिंग का खुलासा पुलिस जल्द करेगी।
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अब तक की जांच (Raipur Suitcase Murder Case) में यह स्पष्ट हो चुका है कि हत्या आकस्मिक नहीं बल्कि पूर्वनियोजित थी। शव को ठिकाने लगाने की विधि और घटनास्थल पर छोड़े गए संकेत यह दर्शाते हैं कि अपराध को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से हत्या का मकसद और आरोपी की मंशा जल्द सामने आएगी।
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