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हाइलाइट्स
बैटरी कार सर्विस के खिलाफ कुलियों का प्रदर्शन
रोजाना की 200-300 कमाई पर मंडरा रहा संकट
प्राइवेट कंपनी की गाड़ियों से बढ़ी कुलियों की परेशानी
Raipur Railway Station Coolie Protest: रायपुर रेलवे स्टेशन पर कुलियों ने बैटरी कार सर्विस (Battery Car Service) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे बैटरी कार सर्विस का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले से ही लिफ्ट और एस्कलेटर जैसी सुविधाओं ने उनके काम को प्रभावित कर दिया है और अब बैटरी कारों के आने से उनकी रोजी-रोटी पर पूरी तरह खतरा मंडरा रहा है।
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बैटरी कार सर्विस के खिलाफ कुलियों का प्रदर्शन।[/caption]
रेलवे ने शुरू की नई बैटरी कार सर्विस
फेस्टिव सीजन (Festive Season) को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने स्टेशन पर चार नई बैटरी कारें चलाने का निर्णय लिया है। इन कारों को एक प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित किया जाएगा। यात्रियों से प्रति सीट 50 रुपए और लगेज के साथ 70 रुपए तक किराया लिया जाएगा। यह किराया कुलियों की कमाई से सीधा मुकाबला करता है, क्योंकि कुली एक जगह से दूसरी जगह सामान ले जाने के लिए करीब 100 रुपए तक चार्ज करते हैं।
कुलियों की आय में आई भारी गिरावट
स्टेशन पर इस समय 105 कुली काम कर रहे हैं। पहले एस्कलेटर और लिफ्ट की वजह से उनके काम में 80 प्रतिशत की गिरावट आई और अब हालात यह हैं कि उन्हें दिनभर में मुश्किल से 200 से 300 रुपए ही मिल पाते हैं। कुलियों का कहना है कि यह कमाई परिवार चलाने के लिए काफी मुश्किल है, लेकिन किसी तरह गुजारा हो जाता है। ऐसे में नई बैटरी कार सर्विस उनके हाथों से बचा-खुचा काम भी छीन लेगी।
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विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी हुईं शामिल।[/caption]
निःशुल्क चल रही सेवाओं से नहीं है समस्या
कुलियों ने साफ किया कि स्टेशन पर पहले से दो बैटरी गाड़ियां एक सामाजिक संस्था द्वारा निःशुल्क चलाई जा रही हैं, जिनसे उन्हें कोई समस्या नहीं है। असली दिक्कत प्राइवेट कंपनी की गाड़ियों से है, क्योंकि इससे उनकी दिहाड़ी पर सीधा असर पड़ रहा है। कुलियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन उनके रोज के 300 रुपए पर भी डाका डाल रहा है।
बीते 20 दिनों से हो रहा है विरोध
पिछले 20 दिनों से टुकड़ों में विरोध जारी था, लेकिन जैसे ही नई बैटरी कारें स्टेशन पर पहुंचीं, कुलियों ने परिवारों के साथ धरना शुरू कर दिया। रायपुर के साथ दुर्ग से भी कुली इस विरोध में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर रेलवे कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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इन दो गाड़ियों को लाया गया है।[/caption]
दो बार हो चुकी है बैठक
कुलियों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के साथ तीन बार बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। पहली बैठक 19-20 सितंबर को हुई, जिसमें उन्होंने DRM कार्यालय में बैटरी कार चलाने के खिलाफ ज्ञापन सौंपा और DRM दयानंद ने आश्वासन दिया कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। दूसरी बैठक सीनियर DCM अवधेश कुमार त्रिवेदी के साथ हुई, जिन्होंने सर्विस रोकने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद विरोध बढ़ने पर त्रिवेदी स्वयं स्टेशन पहुंचे, कुलियों से चर्चा की और दो दिन में जवाब देने का वादा किया।
लेकिन इससे पहले की कोई समाधान निकले स्टेशन पर बैटरी वाली गाड़ियां ला दी गईं है और उसे इस्तेमाल में लिया जा रहा है।
Chhattisgarh Liquor Scam: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट ने जेल भेजा, 8 अक्टूबर को बेल पर सुनवाई
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