Raipur Central Jail: रायपुर केंद्रीय जेल में 31 जनवरी को एक गंभीर मारपीट का मामला सामने आया था, जिसमें सजा काट रहे बंदियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। इस मामले में जेल प्रशासन ने सहायक जेल अधीक्षक उदय राज गायकवाड़, प्रहरी जागेश्वर कुर्रे और पवन जायसवाल को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य के आदेश पर की गई है।
पैसे की मांग पूरी नहीं करने पर पिटाई
जानकारी के अनुसार, 31 जनवरी को एनडीपीएस मामले में 18 महीने से रायपुर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे बंदी पीयूष पांडे की मां उससे मिलने आई थी। जब मिलने का समय 10 मिनट से अधिक हो गया, तो प्रहरियों ने पीयूष की मां से 10 हजार रुपए की मांग की। पैसे न देने पर प्रहरियों ने पीयूष के साथ बुरी तरह मारपीट की और उसका पैर तोड़ दिया। इस घटना में पीयूष का घुटना भी टूट गया।
इन अधिकारियों को जांच में दोषी पाया गया
पीयूष पांडे के पिता, पुरुषोत्तम पांडे ने इस मामले का आरोप लगाया था। जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने इस मामले में पैरों के फ्रैक्चर होने की बात से इनकार किया, लेकिन नोकझोंक की घटना स्वीकार की और कहा कि जेल प्रशासन पूरे मामले की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच में इन अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही और बंदियों के साथ दुर्व्यवहार का दोषी पाया गया, जिसके बाद इन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
अन्य बंदियों में भी आक्रोश
सूत्रों के अनुसार, 31 जनवरी को पीयूष पांडे के साथ मारपीट के अलावा, लेडी डॉन मुस्कान रात्रे के पति के साथ भी सहायक जेल अधीक्षक गायकवाड़ और प्रहरियों ने मारपीट की। इस घटना के बाद जेल का माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिससे अन्य बंदियों में भी आक्रोश फैल गया।
इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी
यह पहली बार नहीं है जब इन अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगे हों। इससे पहले भी गायकवाड़ और अन्य अधिकारियों पर बंदियों के साथ दुर्व्यवहार और अनुशासनहीनता के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, रायपुर केंद्रीय जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में अनुशासन बनाए रखने और बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।