Raigarh CG News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में शुक्रवार रात को करंट लगने से तीन हाथियों की मौत हो गई, जिसमें दो वयस्क और एक शावक शामिल हैं। यह घटना तमनार रेंज के बकचबा बीट में स्थित एक नर्सरी के अंदर हुई। बताया जा रहा है कि यहा एक बिजली का तार काफी नीचे लटका हुआ था।
11 केवी के तार की चपेट में आने से हुई मौत
शनिवार सुबह तीनों हाथियों के शव बरामद किए गए। जैसे ही वन विभाग को इसकी सूचना मिली, डीएफओ सहित वनकर्मियों की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच से पता चला है कि हाथियों की मौत 11 केवी के तार की चपेट में आने से हुई है।
हाथियों के लिए आवागमन का रास्ता है ये जंगल
इसके आसपास की घास भी जल चुकी थी। बता दें कि यह स्थान तमनार रेंज के सामारूमा जंगल में है, जो हाथियों के लिए आवागमन का रास्ता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घटना के बाद हाथियों के शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।
यह बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा: मिश्रा
हाथियों की करंट से होने वाली मौतों को लेकर दायर की गई जनहित याचिका में वन विभाग ने अदालत में इसी महीने शपथ पत्र पेश कर बताया था कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी अब भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हाथियों को बिजली करंट से सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाएगी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बी. डी. गुरु की डिवीजन बेंच (Bilaspur High Court) ने रायपुर के नितिन सिंघवी द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा करते हुए भारत सरकार की गाइडलाइंस के पालन का आदेश दिया, जिसमें शब्द और मूल भावना दोनों का ध्यान रखा जाएगा।
क्या कहती है भारत सरकार की गाइडलाइंस?
भारत सरकार की 2016 की गाइडलाइंस के अनुसार, हाथियों जैसे वन्य प्राणियों को बिजली करंट से बचाने के लिए विद्युत लाइनों को हाथी की सूंड की पहुंच के अनुसार ऊंचाई पर रखा जाना चाहिए।
एक वयस्क हाथी की लंबाई 20 फीट तक हो सकती है, जब वह अपने पिछले पैरों पर खड़ा होता है और सूंड ऊपर उठाता है। इस गाइडलाइन के तहत, बिजली कंपनी को हाथियों के आवागमन वाले वन क्षेत्र में विद्युत लाइनों की ऊंचाई 20 फीट तक बढ़ानी होगी और विद्युत तारों को कवर्ड कंडक्टर में बदलने या अंडरग्राउंड केबल बिछाने का कार्य करना होगा।