Rahul Gandhi: राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। INDIA गठबंधन की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। राहुल गांधी के नाम पर मुहर लगाई है। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष की ओर से लड़ेंगे और बात रखेंगे। लोकसभा को 2014 के बाद से अब विपक्ष का नेता मिलेगा।
INDIA गठबंधन की बैठक में फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर INDIA गठबंधन की बैठक हुई थी। इसमें स्पीकर के चुनाव और नेता विपक्ष को लेकर चर्चा की गई। नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के नाम पर सहमति बनी। कांग्रेस महासचिव K.C. वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष चुना गया है और इसके लिए प्रोटेम स्पीकर को पत्र लिखा है।
राहुल ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर ली शपथ
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने संसद में हाथ में संविधान की कॉपी लेकर शपथ ग्रहण की। उन्होंने चेयर के पीछे खड़े मार्शल से भी हाथ मिलाया। राहुल गांधी ने जय हिंद, जय संविधान का नारा लगाया।
2014 के बाद से खाली है कुर्सी
लोकसभा में 2014 के बाद से नेता विपक्ष की कुर्सी खाली थी। 2014 में कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस के पास 54 सांसद नहीं थे, इसलिए बीजेपी ने अध्यक्ष के जरिए उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष पद की पात्रता के लिए लोकसभा में 10 फीसदी सीटों की जरूरत होती है। 2019 में कांग्रेस ने ठीकठाक प्रदर्शन किया, लेकिन फिर भी 54 से 2 सीट पीछे रह गई। अब सदन को नेता प्रतिपक्ष मिलेगा।
नेता प्रतिपक्ष को मिलती हैं ये सुविधाएं
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है। इस पद पर बैठे शख्स को केंद्रीय मंत्री के बराबर 3 लाख 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है। इसके अलावा भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। बंगला और ड्राइवर समेत कार मिलती है। 14 लोगों का स्टाफ मिलता है।
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कांग्रेस नेताओं ने की थी मांग
कई कांग्रेस नेताओं ने मांग की थी कि राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता की कुर्सी संभालनी चाहिए। उनका कहना था कि इस पद पर उनकी भूमिका अहम होगी और पार्टी को मजबूती मिलेगी। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि सबकुछ पार्टी हाईकमान तय करेगा। पूरा देश मांग कर रहा है कि राहुल गांधी विपक्ष के मुख्य नेता के तौर पर सामने आएं। ये पद उपयुक्त है और वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे पार्टी मजबूत भी होगी।