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लोकसभा में संविधान पर चर्चा: PM नरेंद्र मोदी बोले- हमने देश की एकता के लिए संविधान में बदलाव किए, कांग्रेस ने अपमान किया

Rahul Gandhi Loksabha: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने द्रोणाचार्य और एकलव्य की कहानी सुनाई। मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार किया।

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Rahul Garhwal
PM Narendra Modi Speech Loksabha

Rahul Gandhi Loksabha: लोकसभा में संविधान पर चर्चा हो रही है। विपक्ष के नेता एकलव्य-द्रोणाचार्य की कहानी सुनाई। राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर युवाओं का अंगूठा काटने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में जवाब दिया।

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'हमने भी संविधान संशोधन किए, देश की एकता और अखंडता के लिए'

लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में NDA की सरकार को मौका मिला। संविधान को मजबूती मिली। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं, देश की एकता और अखंडता के लिए। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए। संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं। हमने संविधान संशोधन इसलिए किया कि इस देश का ओबीसी समाज 3 दशक से संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहा था। हमने उसके लिए संविधान संशोधन किया है। हम समाज के दबे-कुचले वर्ग के साथ खड़े रहते हैं, ये हम हमारा कर्तव्य मानते हैं। हमने सामान्य गरीबों के 10 प्रतिशत आरक्षण का संशोधन संविधान में किया। किसी ने उसका विरोध नहीं किया। हमने महिलाओं को शक्ति देने के लिए संविधान में संशोधन किया।

संसद का पुराना सदन गवाह है जिन्होंने देश की महिलाओं के साथ अन्याय किया वो उनके मार्गदर्शक हैं। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किया। हमने संविधान संशोधन डंके की चोट पर किया और धारा-370 को जम्मू-कश्मीर से हटाया। हमने CAA लाकर गांधी जी के वचन को पूरा किया कि अल्पसंख्यकों का सपोर्ट करेंगे। हमने पुरानी गलतियों को ठीक करने के लिए संविधान संशोधन किए हैं। समय बताएगा कि समय की कसौटी पर हम खरे उतरे हैं।

'कांग्रेस का सबसे प्रिय शब्द जुमला'

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का सबसे प्रिय शब्द जुमला है। इसके बिना वे जी नहीं सकते। इस देश को पता है कि हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था जो 4 पीढ़ियों ने चलाया। वो जुमला था कि गरीबी हटाओ। ये ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीतिक रोटी तो सिकती थी, लेकिन गरीब का हाल नहीं सुधरता था।

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पीएम मोदी बोले- कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाई

पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं करना चाहता। लेकिन तथ्य रखना जरूरी है। कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने की कोशिश की है। 75 साल तक देश में एक परिवार ने राज किया है। इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति की परंपरा निरंतर चल रही है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है। 1947-1952 में इस देश में इलेक्टेड गवर्नमेंट नहीं थी। एक अंतरिम व्यवस्था थी। 1952 के पहले राज्यसभा का गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी चुनाव नहीं हुए थे। जनता का कोई आदेश भी नहीं था।

1951 में जब चुनी हुई सरकार नहीं थी, उन्होंने ऑर्डिनेंस करके संविधान को बदला। अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर दिया गया। ये संविधान निर्माताओं का अपमान था। वहां उनकी चली नहीं, बाद में जैसे ही मौका मिला तो अभिव्यक्ति की आजादी पर हथौड़ा मार दिया। अपनी मन की चीजें जो वे संविधान सभा के अंदर नहीं करवा पाए वो पिछले दरवाजे से किया। उन्होंने पाप किया।

'6 सालों में करीब 75 बार संविधान बदला'

पीएम मोदी ने बताया कि उसी दौरान प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी। अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए। 1951 में ये पाप किया गया, लेकिन देश चुप नहीं था। उस समय राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया गलत हो रहा है। हमारे स्पीकर ने पंडित जी को कहा गलत कर रहे हो। कई महान कांग्रेसियों ने पंडित नेहरू को कहा कि रोके, लेकिन पंडित नेहरू ने वरिष्ठों की सलाह नहीं मानी और उसे दरकिनार कर दिया।

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'संविधान का शिकार करती रही कांग्रेस'

ये संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वो समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। संविधान की भावना को लहूलुहान करती रही। 6 सालों में करीब 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया था उस बीज को खाद पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया। उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी।

'सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा'

पीएम मोदी ने बताया कि 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था। उस फैसले को पलटा गया और संविधान संशोधन किया गया। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे। संसद संविधान के किसी भी आर्टिकल में जो मर्जी परिवर्तन कर सकती है और अदालत उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। ये पाप उस समय इंदिरा गांधी ने किया था।

[caption id="attachment_716986" align="alignnone" width="517"]pm modi लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी[/caption]

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'इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपी'

जब इंदिरा जी के चुनाव को गैर नीति के कारण अदालत ने चुनाव को खारिज कर दिया तो उन्होंने गुस्से में आकर देश पर इमरजेंसी थोप दी। अपनी कुर्सी बचाने के लिए संविधान का गला घोंटा। 1975 में 39वां संशोधन किया। इसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अध्यक्ष इनके चुनाव के खिलाफ कोई कोर्ट में जा नहीं सकता, ऐसा किया। इमरजेंसी में लोगों के अधिकार छीने, न्याय पालिका का गला घोंटा। अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई। जस्टिस HR खन्ना को इंदिरा गांधी ने मुख्य न्यायाधीश नहीं बनने दिया। यहां ऐसे कई दल बैठे हैं, जिनके मुखिया जेल गए थे। एक निर्दयी सरकार ने संविधान को चूर-चूर कर दिया था।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने क्या कहा था ?

जो परंपरा नेहरू जी ने शुरू की थी। उसे दूसरी पीएम इंदिरा गांधी ने आगे बढ़ाया। उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वोट बैंक की राजनीति के लिए शाह बानो की बजाय कट्टर खालिस्तानियों के सामने सिर झुका दिया। संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटा गया। अगली पीढ़ी भी संविधान के साथ खिलवाड़ करने में जुटी हुई है। एक किताब में लिखा है कि मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है। सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है। ऐसा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था। इतिहास में पहली बार संविधान को ऐसी गहरी चोट पहुंचा दी गई। इन्होंने प्रधानमंत्री के ऊपर एक गैर-संवैधानिक नेशनल एडवाइजरी काउंसिल पीएमओ के ऊपर बैठा दी। अघोषित दर्जा दे दिया गया।

35-A संसद में लाए बिना देश पर थोपा

एक पीढ़ी और आगे चलें तो भारत के संविधान के तहत देश की जनता सरकार चुनती है। संविधान का अपमान करने वालों ने कैबिनेट के फैसले को फाड़ा। संविधान के साथ हर मौके पर खिलवाड़ किया। दुर्भाग्य देखिए कि एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के निर्णय को फाड़े और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे, ये कौनसी व्यवस्था है। कांग्रेस ने लगातार संविधान की अवमानना की है। संविधान के महत्व को कम किया है। कांग्रेस इसके अनेक उदाहरणों से भरी पड़ी है। संसद में आए बिना संसद को अस्वीकार कर दिया गया। 35-A जो संसद में लाए बिना उन्होंने देश पर थोपा। अगर 35-A ना होता तो जम्मू-कश्मीर में जो हालत हुई वो ना होती। संसद को अंधेरे में रखा गया।

पीएम मोदी बोले- देश की एकता हमारी प्राथमिकता

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद जो लोग भारत का भला नहीं चाहते थे वे विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे। वे देश की एकता को चोट पहुंचाने के रास्ते खोजने लगे। देश की एकता हमारी प्राथमिकता है। हमने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाई। हमने वन नेशन वन हेल्थ कार्ड के लिए आयुष्मान योजना बनाई।

संविधान के प्रति विशेष आदर का भाव

पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो संविधान के प्रति विशेष आदर का भाव व्यक्त करना चाहता हूं। मेरे जैसे अनेक लोग यहां पहुंच नहीं पाते। ये संविधान था कि यहां पहुंच पाया। मेरे जैसे बहुत लोग हैं जिनका राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। आज संविधान की वजह से इतना बड़े पद पर हैं। देश ने हमें बहुत स्नेह दिया। देश की जनता को नमन। देश की जनता पूरी ताकत के साथ संविधान के साथ खड़ी रही।

'सत्ता सुख और सत्ता की भूख कांग्रेस का इतिहास और वर्तमान'

पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार ने एक वोट से हारना स्वीकार किया, लेकिन खरीद-फरोख्त नहीं की। कांग्रेस के लिए सत्ता सुख, सत्ता की भूख, कांग्रेस का इतिहास और वर्तमान है।

राहुल गांधी ने सुनाई द्रोणाचार्य-एकलव्य की कहानी

सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी करीब 25 मिनट बोले। उन्होंने एकलव्य-द्रोणाचार्य की कहानी सुनाई। राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर युवाओं का अंगूठा काटने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि जैसे एकलव्य का अंगूठा काटकर द्रोणाचार्य ने उनका हुनर ले लिया था। उसी तरह बीजेपी सरकार अग्निवीर योजना से युवाओं का अंगूठा काट रही है। अडाणी को सारे कारोबार, इंडस्ट्री, पोर्ट-एयरपोर्ट देकर युवाओं और किसानों का अंगूठा काटा जा रहा है।

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अनुराग ठाकुर ने दिया जवाब

राहुल गांधी के बयान पर युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आप अंगूठा काटने की बात कर रहे हैं। आपकी सरकार में तो सिखों के गले काटे गए, आपको देश से माफी मांगनी चाहिए।

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