Rahul Gandhi ko Shrap: छत्तीसगढ़ भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा (BJP MLA Purandar Mishra) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) और रथ यात्रा (Rath Yatra) पर दिए गए बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। विधायक ने कहा कि राहुल गांधी ने अडानी परिवार (Adani Group) को लेकर रथ यात्रा रुकवाने का जो आरोप लगाया है, वह न सिर्फ सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का अपमान है बल्कि भगवान जगन्नाथ को सीधी चुनौती है।
‘आप आलू से सोना बनाइए’: विधायक पुरंदर मिश्रा
बता दें, पुरंदर मिश्रा विधायक होने के साथ-साथ रायपुर जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष भी हैं। भाजपा विधायक ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राहुल गांधी को आलोचना और राजनीति (political criticism) के बीच फर्क समझना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेता पर तंज कसते हुए कहा, “आप आलू से सोना बनाइए, लेकिन भगवान पर टिप्पणी मत करिए। भगवान जगन्नाथ कलियुग के साक्षात देवता हैं और उनके प्रति ऐसा बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है।”
‘मैं ब्राह्मण हूं, मेरा श्राप जरूर लगेगा’
पुरंदर मिश्रा ने राहुल गांधी को श्राप (Rahul Gandhi ko Shrap) श्राप देते हुएआगे कहा कि मैं ब्राह्मण हूं, और सही में भगवान जगन्नाथ का सेवक हूं तो चाहूंगा मेरा श्राप राहुल गांधी को लग जाए। उन्होंने आगे कहा कि अगर भगवान पर टिप्पणी करेगा कोई, तो उसका सर्वनाश तय है। देख लेना, अगले रथयात्रा तक उसकी कैसी दुर्गति होती है।” मिश्रा का बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है और इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है।
‘रथ यात्रा रोके जाने का आरोप शर्मनाक’
राहुल गांधी ने हाल ही में एक जनसभा में कहा था कि अडानी परिवार की सुविधा के लिए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को रोका गया। इसी बयान को लेकर भाजपा ने उन्हें घेरा है। विधायक मिश्रा ने इसे झूठा और शर्मनाक बताया और कहा कि “किसी की शादी नहीं हो रही है तो वह भगवान जगन्नाथ को दोषी ठहराएगा? ये सरासर अपमान है।”
कांग्रेस ने दिया पलटवार
राहुल गांधी पर दिए गए श्राप वाले बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए इसे धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा नेताओं को खुद तय करना चाहिए कि राजनीति में व्यक्तिगत भावनाओं और आस्था को हथियार बनाकर देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
विवाद के साए में अब राष्ट्रीय राजनीति गरमाएगी
रथ यात्रा विवाद और श्राप जैसे बयानों से छत्तीसगढ़ की सियासत तो गरमा ही गई है, लेकिन इसके राजनीतिक और धार्मिक असर राष्ट्रीय स्तर (national politics) पर भी देखने को मिल सकते हैं। भाजपा जहां इस मुद्दे को जनता की आस्था से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस इसे सियासी नौटंकी बता रही है।
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