Rahul Gandhi- Om Birla: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) के भाषण में इमरजेंसी के जिक्र पर बवाल हो रहा है। इसी मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार, 27 जून को ओम बिरला से मुलाकात की। इसके बाद राहुल गांधी ने उनसे (ओम बिरला) आपातकाल का जिक्र करने पर नाखुशी जताई। राहुल ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा है, इससे बचना चाहिए।
राहुल (Rahul Gandhi- Om Birla) के साथ सपा के धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, DMK की कनिमोझी, NCP (शरद पवार) की सुप्रिया सुले, RJD की मीसा भारती, TMC के कल्याण बनर्जी और RSP के एनके प्रेमचंद्रन समेत अन्य सांसद स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात करने पहुंचे थे।
कांग्रेस ने लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र
इस दौरान कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी लोकसभा स्पीकर ओेम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि संसद के इतिहास में अध्यक्ष का पद अभूतपूर्व है। एक नवनिर्वाचित स्पीकर के ‘पहले कर्तव्यों’ में से एक के रूप में अध्यक्ष की ओर से यह (इमरजेंसी का जिक्र) आना और भी गंभीर हो जाता है।
वेणुगोपाल ने आगे लिखा कि मैं इसे संसद की संस्थागत विश्वसनीयता पर प्रभाव डालने वाले एक बहुत ही गंभीर मामले के संदर्भ में लिख रहा हूं। मैं, कांग्रेस की तरफ से संसदीय परंपराओं के इस उपहास पर अपनी गहरी चिंता जताता (Rahul Gandhi- Om Birla) हूं।
स्पीकर ने आपातकाल की निंदा की, मौन भी रखवाया
लोकसभा में 26 जून को स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने की निंदा करता है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर के संविधान का अपमान किया था।
इंदिरा गांधी ने भारत पर तानाशाही थोपकर लोकतंत्र का अपमान किया।
अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई। मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी गई थीं। कई नेताओं को मीसा के तहत बंद किया।
स्पीकर बिरला ने इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में सांसदों से दो मिनट का मौन रखने को भी कहा।
सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, पर कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों ने आरोप लगाया कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं।