Radha Krishna Story: जब भी निश्छल, अमर अजय और सच्चे प्रेम की बात आती है, तो जुंबा पर राधा कृष्ण का नाम सबसे पहले लिया जाता है। इनका प्रेम ऐसा है जिससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। पर इसके बावजूद भी हर किसी के मन में एक सवाल जरूर आता है। कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा से इतना प्रेम करने के बावजूद विवाह क्यों नहीं किया। तो चलिए जानते हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार इसके पीछे की वजह क्या है। आखिर क्यों दोनों का जीवन विवाह तक नहीं पहुंच पाया।
इसलिए नहीं हुआ था राधा-कृष्ण का विवाह
1 – एक मान्यता अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण वृंदावन छोड़कर जा रहे थे तो उस समय उन्होंने राधारानी से वापस आने का वादा किया था। लेकिन जब वे वृंदावन से लौटकर आए तो उनकी मुलाकात रूकमणी से हुई थी। उस दौरान रूकमणी द्वारा मन ही मन भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानने के कारण उन्होंने रूकमणी से ही विवाह कर लिया था।
2 – भगवान श्रीकृष्ण और राधा बचपन से ही साथ खेलते थे। उसी दौरान दोनों में प्रेम भावना आ गई थी। दोनों के बीच आध्यात्मिक प्रेम था। लेकिन रूकमणी भगवान श्री कृष्ण से 11 महीने बड़ी थीं। इसलिए उनका विवाह नहीं हो पाया था।
3 – एक अन्य पौराणिक कथा में ऐसा माना जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में नंद गोपाल की गोद में खेल रहे थे उस दौरान उन्हें एक अदभुद शक्ति का आभास हुआ था। वह शक्ति कोई और नहीं राधारानी ही थीं, ऐसा माना जाता है। उसके बाद से भगवान श्रीकृष्ण अचानक यौन अवस्था में पहुंच गए थे। इसी के साथ यह भी कहा जाता है कि इस दौरान ब्रहृमा जी ने भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का विवाह संपन्न कराया था और उसके तुरंत बाद श्री ब्रहृमा जी और राधारानी अंतरध्यान हो गए और भगवान श्रीकृष्ण अपन बाल्यावस्था में वापस आ गए थे।
राधाष्टमी पूजा विधि (Radha Ashtami 2023 Puja Vidhi)
राधाष्टमी के दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थल पर एक कलश में जल भरकर रखें और एक मिट्टी का कलश पूजा के लिए रखें। पूजा के लिए चौकी तैयार करें। चौकी में लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसमें राधारानी जी की प्रतिमा स्थापित करें। राधारानी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। सुंदर वस्त्र व आभूषणों पहनाकर उनका श्रृंगार करें। राधारानी के साथ श्रीकृष्ण की भी पूजा करें। दोनों का तिलक करें और फल-फूल चढ़ाएं। राधा कृष्ण के मंत्र का जाप करें और कथा सुनें व पढ़ें और राधा कृष्ण की आरती करें।
नोट: इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने के पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें।
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