Radha Krishna ka Vivah: इस साल राधाष्टमी का त्योहार 11 सितंबर बुधवार को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी वर्षों से चली आ रही है। मथुरा के सुंदर वन में आज भी कहा जाता है कि कान्हा राधा संग आते हैं। किवदंतियों के अनुसार जो भी इस वन के दर्शन करता है उसके साथ कुछ अनहोनी हो जाती है।
ऐसे में चलिए आज हम जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर राधारानी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ क्यों नहीं हो पाया था। जानते हैं इससे जुड़ी क्या मान्यता है।
इसलिए नहीं हुआ था राधा के साथ कृष्ण का विवाह
ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन छोड़कर जा रहे थे। उस दौरान उन्होंने राधारानी से वृंदावन वापस लौटने का वादा किया था, लेकिन जब वे वृंदावन से लौटकर आए तो उनकी मुलाकात रूकमणी से हुई। उस दौरान रूकमणी ने मन ही मन भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मान लिया था। जिसके कारण उन्होंने रूकमणी से विवाह कर लिया था।
भगवान श्रीकृष्ण और राधा बचपन से ही साथ खेलते थे। उसी दौरान दोनों में प्रेम भावना आ गई थी। दोनों के बीच आध्यात्मिक प्रेम था। लेकिन रूकमणी भगवान श्री कृष्ण से 11 महीने बड़ी थीं। इसलिए उनका विवाह नहीं हो पाया था।
एक और पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में नंद गोपाल की गोद में खेल रहे थे, उस दौरान उन्हें एक अदभुद शक्ति का आभास हुआ था। वह शक्ति कोई और नहीं राधारानी ही थीं। ऐसा माना जाता है, कि उसके बाद से भगवान श्रीकृष्ण अचानक यौन अवस्था में पहुंच गए थे। इसी के साथ यह भी कहा जाता है, कि इस दौरान ब्रहृमा जी ने भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का विवाह संपन्न कराया था और उसके तुरंत बाद श्री ब्रहृमा जी और राधारानी अंतरध्यान हो गए और भगवान श्रीकृष्ण अपनी बाल्यावस्था में वापस आ गए थे।
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