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नई दिल्ली। (भाषा) विश्व बैडमिंटन चैंपियन पीवी सिंधू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मिले ब्रेक ने असल में उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाया क्योंकि इससे उन्हें अपनी तकनीक और कौशल पर काम करने का पर्याप्त समय मिला। महामारी के कारण पिछले साल 2016 रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिधू की तोक्यो ओलंपिक की तैयारियां प्रभावित हुईं थी लेकिन उनका मानना है कि इससे फायदा हुआ। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी ने वर्चुअल बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि महामारी के दौरान ब्रेक उपयोगी था क्योंकि मुझे अधिक सीखने और अपनी तकनीक तथा कौशल पर ध्यान देने का मौका मिला इसलिए मैं कहूंगी कि इससे मदद मिली।’’
इससे मेरी ओलंपिक की तैयारी अधिक प्रभावित नहीं हुई क्योंकि मुझे लगता है कि मुझे पर्याप्त समय मिला।’’ सिंधू ने कहा, ‘‘अधिकांश समय हमारे पास ट्रेनिंग का समय नहीं होता इसलिए मुझे लगता है कि पहली बार हमें असल में ट्रेनिंग का पर्याप्त समय और ओलंपिक के लिए तैयार होने का मौका मिला।’’ दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधू महिला एकल में तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय हैं। उन्हें अपने से कम रैंकिंग वाली इजराइल की पोलिकारपोवा सेनिया और हांगकांग की च्युंग एनगान यी के साथ आसान ग्रुप जे में रखा गया है।
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उम्मीदें होंगी, हर बार की तरह जिम्मेदारी होगी लेकिन उम्मीद करती हूं कि आपके प्यार और समर्थन से मैं पदक के साथ देश वापस लौटूंगी।’’ सिंधू ने हालांकि कहा कि उन्हें ओलंपिक में दर्शकों की कमी खलेगी क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण खेलों का आयोजन खाली स्टेडियमों में होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रशंसकों की काफी कमी खलेगी। रियो में सब कुछ काफी अलग था। लेकिन मुझे लगता है कि हमें स्थिति का आदी होना होगा, यही अब सामान्य हालात हैं। कुल मिलाकर हम भी इसी तरह अभ्यास कर रहे हैं कि इन हालात के आदी हो जाएं।
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