चंडीगढ़। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह बातचीत के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से बृहस्पतिवार को मुलाकात करेंगे। यह पहल चन्नी के सिद्धू के पास जाने और बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की पेशकश करने के एक दिन बाद आई है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से मंगलवार को इस्तीफा दे चुके सिद्धू ने कहा, “मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए मुझे बुलाया है….आज दोपहर तीन बजे चंडीगढ़ में पंजाब भवन पहुंच जाउंगा, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है।”
सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘दागी’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद और राज्य में अगले साल की शुरुआत में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के अपने पद से इस्तीफा दे देने से कांग्रेस की पंजाब इकाई में उथल-पुथल मची है। नई कैबिनेट और अन्य शीर्ष अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को लेकर पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खुल कर सामने आ गई ।
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए चन्नी ने कहा था, ‘मैंने आज सिद्धू साहब से टेलीफोन पर बात की है। पार्टी सर्वोच्च है, सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करती है और उसका पालन करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आप आओ, बैठो और बात करो।’
उन्होंने कहा, “अगर आप (सिद्धू) को लगता है कि कुछ गलत है, तो बता सकते हैं।’’ सिद्धू की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने कहा कि नेता ने उनसे कहा कि वह बैठेंगे और बात करेंगे, और उन्हें बैठक के लिए समय देंगे।
चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार अदालतों में मुकदमे लड़ने के लिए एक विशेष अभियोजक के नेतृत्व में एक टीम गठित करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम एक विशेष अभियोजक और 10 सदस्यों की एक टीम बना रहे हैं और यह हमारे (राज्य सरकार) महत्वपूर्ण मामलों को संभालेगी।’
उन्होंने कहा, ‘एक विशेष टीम नियुक्त की जाएगी। इसलिए मुझ पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सब कुछ पारदर्शी होगा।’ चन्नी ने कहा, ‘हमें सहयोगियों और अन्य से जो प्रतिक्रिया मिली और जिन्हें नियुक्त किया जा सकता था, हमने उन्हें नियुक्त किया। लेकिन फैसला पंजाब के लोगों के अनुसार लिया जाएगा।”
हाल की नियुक्तियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी भी बात में कोई आपत्ति या अहंकार नहीं है। मैं बहुत स्पष्ट हूं। अगर किसी बात से लोगों को गलत संदेश जाता है, तो मैं उस पर अड़ा नहीं रहूंगा।” मुख्यमंत्री ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में मिले न्याय का स्पष्ट तौर पर संदर्भ देते हुए कि वह उन मुद्दों पर कभी पीछे नहीं हटेंगे जिनके लिए वह लड़ रहे थे।