हाइलाइट्स
-
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कार्यकाल
-
स्कूल माफिया के खिलाफ एक्शन देशभर में नजीर
-
अब जनसंपर्क आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे
रिपोर्ट – सोनल पांडेय, जबलपुर
Jabalpur Former Collector Deepak Saxena: जबलपुर में करीब 20 महीनों तक कलेक्टर रहे दीपक सक्सेना का कार्यकाल प्रशासनिक सख्ती और जनसेवा के लिए यादगार रहा। उन्होंने भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और अनुशासनहीनता के खिलाफ 70 से ज्यादा कार्रवाई कीं। निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसते हुए शिक्षा व्यवस्था में सुधार को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। अब वे जनसंपर्क आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे।
जबलपुर के पूर्व कलेक्टर और जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना से खास बातचीत
सवाल – स्कूल माफिया पर कार्रवाई की जबलपुर से लेकर देशभर में चर्चा हुई, क्या कहना चाहेंगे ?
जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना – इसका प्रभाव इसलिए रहा क्योंकि स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई पहले कभी हुई नहीं थीं। सभी लोग परेशान थे। इसके लिए मुझे कहने में संकोच नहीं है कि हर घर की परेशानी थी। लोग देखते थे कि फीस मनमाने तरीके से बढ़ रही हैं। परटिकुलर किताबें उस दुकान से लीजिए। 100 रुपये की चीज 500 रुपये में दे रहे हैं। फुल दादागीरी चल रही है। मैंने अलग-अलग डिपार्टमेंट को जोड़ा पुलिस, एजुकेशन, रेवेन्यू। सबको अलग-अलग काम दिए और फिर लास्ट में एक लेवल पर लाए। उसका प्रभाव बहुत अच्छा रहा। पुलिस के सहयोग से जो FIR दर्ज हुई और तत्काल अरेस्टिंग की जो कार्रवाई हुईं, उससे उसका मैसेज बहुत तगड़ा गया। इसलिए सभी जगह वो सराहा गया क्योंकि लोगों को परेशानी थीं। किसी दूसरे जिले में उस पर कार्रवाई कभी नहीं हुई थी।
सवाल – कोई ऐसी कार्रवाई जो मन में हो कि करना बाकी रह गई है ?
जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना – मन में ऐसा कोई काम मुझे नहीं लगता कि कुछ अधूरा छोड़कर जा रहा हूं। जो हर दिन काम आते हैं, शिकायतें आती हैं। उस काम को कंप्लीट किया जाए।
सवाल – आपने 70 से ज्यादा बड़ी कार्रवाई कीं, कई बार लोगों ने रोकने की कोशिश भी की होगी ?
जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना – लोग कोशिश तो करते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी लोग अपनी-अपनी समस्याएं बताते हैं। आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उन समस्याओं को किस तरीके से लेते हैं। लोग तो कहेंगे। जिसको तकलीफ होगी वो आपको कहेगा। लेकिन आपको ये उनको समझाना पड़ेगा कि आप अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। किसी से आप बदला लेने या निजी स्वार्थ को साधने के लिए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। एक बार जब आप लोगों तक ये मैसेज पहुंचाने में समर्थ हो जाते हैं कि हम अपनी ड्यूटी कर रहे हैं तो फिर काम करने में ज्यादा दिक्कत नहीं जाती है।
सवाल – जनसंपर्क आयुक्त के पद पर आप किस तरीके से काम संभालेंगे, यहां तो आप जनता से सीधे रूबरू होते थे ?
जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना – अभी तो मेरे मन में बहुत ज्यादा पिक्चर क्लीयर नहीं है कि मैं किस तरीके से काम करूंगा। एक बात जरूर है कि मैं जो मन बनाकर जा रहा हूं कि ज्यादा से ज्यादा मेहनत करने की कोशिश करूंगा। मुझे लगता है कि मेहनत करेंगे तो काम समझ में भी आएगा और अच्छे से उसको अंजाम भी दे पाएंगे।
हमें X, Facebook, WhatsApp, Instagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
लिफाफे में दो पैसे…इंदौर में टीचर्स से रिश्वत लेते स्कूल प्रिंसिपल अरेस्ट, बोली-गलती हो गई
Indore school Principal Bribery Case: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त के एक्शन के बाद भी रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। काम के बदले रिश्वत मांगने के मामले सामने आ रहे हैं। अब इंदौर में शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां लोकायुक्त टीम ने सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल को 2 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। महिला प्रिंसिपल ने दो टीचर्स से स्थायी नियुक्ति के बदले रिश्वत की डिमांड की थी। टीचरों की शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम ने स्कूल पहुंचकर कार्रवाई की। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…