Depression Treatment : कोरोना ने हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव डाला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन केअनुसार 5 करोड़ भारतीय डिप्रेशन (अवसाद )से ग्रसित हैं। पोस्ट कोरोना इन मामलों में लगभग 30 से 40 प्रतिशत कि वृद्धि देखी गई है । आयें जानते हैं बंसल अस्पताल के सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ सत्यकांत त्रिवेदी (Psychiatrist Dr. Satyakant Trivedi) से डिप्रेशन के बारे में।
डिप्रेशन क्या है?
डॉ त्रिवेदी – डिप्रेशन (Depression Treatment) एक प्रकार का मानसिक विकार है और इसे मूड डिसऑर्डर की श्रेणी में रखा जाता है। भारत की आबादी का लगभग 5% हिस्सा डिप्रेशन से ग्रसित है।
डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?
डॉ सत्यकांत – मन का लगातार दुखी /चिड़चिडापन रहना, नींद की समस्यायें होना, आत्महत्या का विचार आना, उत्साह का खत्म हो जाना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, कमजोरी का अनुभव करना, भोजन करने की मात्रा असामान्य हो, अचानक वजन का बढ़ना या घटना (हालाँकि ऐसा किसी अन्य बीमारी में भी हो सकता है)
डिप्रेशन किन कारणों से होता है?
डॉ त्रिवेदी –डिप्रेशन का कोई एक कारण नहीं है। इसमें कई कारण भूमिका निभाते हैं, जिसमें आनुवंशिक परिवेश सेजुड़ी जीवन की घटनाएँ तथा चिकित्सीय स्थितियाँ शामिल हैं। साथ ही अपने जीवन में घटने वाली बातों के प्रति वे किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं, यह कारण भी भूमिका निभाता है। कुछ न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे सेरोटोनिन,डोपामाइन हमारे मूड को नियंत्रित करते हैं और अगर ये असंतुलित हो जाये तो लोग डिप्रेस्ड, चिंतित व तनावग्रस्त हो जाते हैं। तनाव भी न्यूरोट्रांसमीटर्स के संतुलन को प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से डिप्रेशन हो सकता है।
हम क्या न करें जब आपका कोई अपना अवसाद से ग्रसित है?
डॉ त्रिवेदी – डांटें या दुत्कारें नहीं, दोष न दें, निगेटिव बातें न करें, नशे का सहारा न लेने दें, अकेला न छोड़ें।
क्या करें जब आपका कोई अपना अवसाद से पीड़ित है?
डॉ त्रिवेदी – ये मानें की एक मानसिक विकार है, समझाइश से बचें,उनकी बात सुनें, धीरज रखते हुए आराम से बात करें, एक्सपर्ट की मदद लें, डाइट बेहतर बनाएं।
इलाज़ क्या हैं?
डॉ त्रिवेदी – डिप्रेशन का प्रभावी इलाज़ संभव है। आजकल नए ज़माने की एंटीडिप्रेसेंट दवाएं उपलब्ध हैं जो की बेहद प्रभावी होती हैं साथ ही साथ मरीज़ और उनके परिवार की काउन्सलिंग भी की जाती है।
हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रख सकते हैं?
डॉ त्रिवेदी – परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहें। उनसे नियमित रूप से मिलते-जुलते रहें,सोशल मीडिया पर चैट के बजाय बात करने पर यकीन करें। अहम को हटायें,जीवन एक यात्रा है उसका भरपूर आनंद लें। आपके पास जो है, उसके लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करें। ध्यान दें कि आपके पास जो कुछ है, उसे पाने के लिए बहुत-से लोग संघर्ष करते रह जाते हैं। धन्यवाद और कृतज्ञता का भाव रखें।
डॉ सत्यकांत त्रिवेदी सीनियर कन्सलटेंट साइकेट्रिस्ट (Psychiatrist Dr. Satyakant Trivedi) हैं और डिप्रेशन को ठीक करने में विशेष रुचि रखते हैं