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नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष नीति (एसटीआईपी) 2020 के मसौदे में चुनिंदा रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक निवेश की जरूरतें पूरा करने के लिये एक राष्ट्रीय एसटीआई वित्तपोषण प्राधिकरण और एक एसटीआई विकास बैंक बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
मसौदे के अनुसार, ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष (एसटीआई)’ वित्तपोषण की व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिये एक राष्ट्रीय एसटीआई वित्तपोषण प्राधिकरण बनाया जायेगा। केंद्रीयकृत प्राधिकरण वित्तीय परिव्यय को मजबूत करने में मदद करेगा।
इसमें कहा गया है कि एसटीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की समस्याएं दूर करने को विभिन्न दीर्घकालीन व मध्यम अवधि की परियोजनाओं, वाणिज्यिक उपक्रमों, स्टार्ट-अप्स, प्रौद्योगिकी प्रसार आदि में निवेश करने के लिये एक कोष भी स्थापित किया जायेगा। इसके अलावा, जिन केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित विभागों के पास समर्पित अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) इकाइयों का अभाव है, वे समग्र अनुसंधान एवं विकास बजट और आवंटन के दायरे को बढ़ाने के लिये संबंधित प्रभाग गठित करेंगे।
मसौदे में कहा गया है, ‘‘एसटीआई विकास बैंक चुनिंदा रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक निवेश को निर्देशित करने के लिये बनाया जायेगा।’’
भाषा सुमन
सुमन
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