House Registry Tips: अगर आप नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। क्या आप जानते हैं कि अगर आप घर की रजिस्ट्री अपनी पत्नी के नाम पर करवाते हैं, तो आप लाखों रुपये की बचत कर सकते हैं? जी हां, देश के कई राज्यों में महिलाओं को प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और होम लोन में विशेष छूट दी जाती है। आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम और फायदे।
महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में मिलती है विशेष छूट
भारत सरकार महिलाओं को संपत्ति के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए रजिस्ट्री पर विशेष छूट देती है। देश के लगभग सभी राज्यों में महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी की दर पुरुषों की तुलना में कम होती है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में पुरुषों को प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर 6% स्टांप ड्यूटी चुकानी होती है, जबकि महिलाओं को केवल 4% देनी पड़ती है।
अगर दिल्ली में कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदता है, तो पुरुष को 3 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जबकि महिला को सिर्फ 2 लाख रुपये। इस तरह 1 लाख रुपये की सीधी बचत हो जाती है।
वहीं, राजस्थान जैसे राज्यों में अगर पति-पत्नी संयुक्त रूप से प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो भी स्टांप ड्यूटी में 0.5% की छूट मिलती है। ऐसे नियम कई अन्य राज्यों में भी लागू हैं, जिससे घर खरीदने की लागत में बड़ी राहत मिलती है।
होम लोन पर भी मिलता है अतिरिक्त लाभ
सिर्फ रजिस्ट्री ही नहीं, बल्कि होम लोन के मामले में भी महिलाओं को विशेष रियायत मिलती है। कई बैंक और वित्तीय संस्थान महिलाओं को कम ब्याज दर पर होम लोन उपलब्ध कराते हैं। अगर पत्नी के नाम पर लोन लिया जाता है, तो ब्याज दर में छूट के साथ टैक्स लाभ भी उठाया जा सकता है।
इस तरह यदि आप घर की खरीदारी के दौरान योजना बनाकर पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री और लोन लेते हैं, तो रजिस्ट्री शुल्क से लेकर लोन तक में लाखों रुपये की बचत संभव है।
निर्णय लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- राज्य की स्टांप ड्यूटी दरों की जानकारी लें।
- यह सुनिश्चित करें कि आपकी पत्नी की आयु, आय और क्रेडिट स्कोर होम लोन के लिए अनुकूल हो।
- संयुक्त स्वामित्व के नियमों और कानूनी प्रक्रियाओं को समझें।
इस तरह, घर की रजिस्ट्री को लेकर थोड़ी सी समझदारी और योजना से आप अपने सपनों का घर सस्ते में हासिल कर सकते हैं।