Priyanka Gandhi First Speech: लोकसभा में आज शुक्रवार 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस की ओर से इस बहस में हिस्सा लेते हुए प्रियंका गांधी ने भी संसद में अपना पहला भाषण दिया। प्रियंका ने कहा, “हमारे देश में संवाद और बहस की परंपरा रही है।” यह एक महान परम्परा है।
यह परंपरा दार्शन ग्रंथों और वेदों में भी पाई जाती है। इसकी संस्कृति इस्लाम, सूफीवाद, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में भी मौजूद रही है। हमारा स्वतंत्रता संग्राम इसी परंपरा से उभरा है। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए पूछा कि अतीत में क्या हुआ था, नेहरूजी ने क्या किया? अरे, आपने क्या किया, बताओ, क्या सारी जिम्मेदारी नेहरूजी की थी?
‘हमारा स्वतंत्रता संग्राम एक अनूठा संग्राम था-प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘हमारा स्वतंत्रता संग्राम एक अनूठा संग्राम था।’’ यह एक अनोखी लड़ाई थी जो अहिंसा पर आधारित थी। यह लड़ाई बहुत ही लोकतांत्रिक लड़ाई थी। देश के सभी लोगों ने, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, सैनिक, किसान, वकील, सभी ने इसमें भाग लिया। सभी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। उस लड़ाई से एक आवाज उभरी जो हमारे देश की आवाज थी। वह आवाज आज हमारा संविधान है। यह साहस की आवाज थी।
संभल हिंसा को लेकर बोलीं प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा का भी जिक्र करते हुए बताया कि संभल से कुछ लोग उनसे मिलने आए थे। उनके दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक बच्चा मेरी बच्ची की उम्र का था। दूसरा उससे छोटा था। दोनों दर्जी के बेटे थे। वह अपने बेटे को कुछ बनाना चाहता था।
उनके पिता उन्हें हर दिन स्कूल छोड़ने जाते थे। उन्होंने भीड़ को देखा, घर आने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हे गोली मार दी। अदनान मुझसे कहता है कि जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो डॉक्टर बनकर दिखाउंगा। मैं अपने पिता के सपने को साकार करूंगा। संविधान ने उनके दिलों में यह उम्मीद जगाई है।
आरक्षण, संविधान को लेकर केंद्र पर निशाना
प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर ये नतीजे लोकसभा में नहीं आते तो वे संविधान बदलने का काम शुरू कर देते। इस चुनाव में उन्हें एहसास हुआ कि देश की जनता ही संविधान की रक्षा करती है। हार-जीत के बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह चीज देश में नहीं चलेगी।
प्रियंका ने कहा, “जाति जनगणना इसलिए जरूरी है ताकि पता चल सके कि किसके पास कितना नंबर है।” नीतियां उस हिसाब से बनाई जानी चाहिए। प्रियंका गांधी ने बिना नाम लिए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष ने चुनाव में जाति गणना का मुद्दा उठाया तो उन्होंने जवाब दिया कि वे भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे। यह उनकी गंभीरता है।
सरकार अतीत पर चर्चा करती है, लेकिन…
प्रियंका ने कहा कि मौजूदा सरकार अतीत की चर्चा करती है, लेकिन वर्तमान की जिम्मेदारियों से बचती है। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए पूछा कि अतीत में क्या हुआ था, नेहरूजी ने क्या किया? अरे, आपने क्या किया, बताओ, क्या सारी जिम्मेदारी नेहरूजी की थी?
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। किसान, मजदूर और गरीब अभी भी संकट में हैं। कृषि कानूनों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये केवल बड़े उद्योगपतियों के फायदे के लिए बनाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक किसान और वायनाड से ललितपुर तक के किसान आज अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
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