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MP के सरकारी अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी: अब प्राइवेट डॉक्टर करेंगे इलाज, हेल्थ कमिशनर ने जारी किया आदेश

MP Government Hospitals Doctor: अब एमपी के सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टर इलाज करेंगे।हेल्थ कमिशनर ने जारी किया आदेश।

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Rohit Sahu
MP के सरकारी अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी: अब प्राइवेट डॉक्टर करेंगे इलाज, हेल्थ कमिशनर ने जारी किया आदेश

MP Government Hospitals Doctor: मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सरकार अब स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के चलते प्राइवेट डॉक्टरों से अनुबंध कर रही है। अब निजी डॉक्टर सरकारी अस्पताल में इलाज करेंगे। इस अनुबंध के संबंध में आदेश हेल्थ कमीशनर ने जारी कर दिया है। बता दें 1 महीने पहले ही हाईकोर्ट ने एमपी के हेल्थ कमिशनर को फटकार लगाई थी और MBBS कर चुके छात्रों की पोस्टिंग में डेढ़ साल की देरी को लेकर जवाब मांगा था। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं एक तरफ जहां मेडिकल की डिग्री लेने के बाद भी छात्रों को पोस्टिंग नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों की कमी को लेकर प्राइवेट डॉक्टरों से अनुबंध किया जा रहा है।

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आयुष्मान धारकों को मिलेगा लाभ

सरकार ने यह फैसला प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों  (Specialist Doctor) की कमी को दूर करने के लिए निजी डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी। शुरुआत में इसका लाभ आयुष्मान धारक मरीजों को मिलेगा। रोगी कल्याण समिति के माध्यम से यह अनुबंध एक साल के लिए होगा। जिसे डॉक्टरों की बेहतर सेवाओं और सहमति के आधार पर रिन्यू किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि अनुबंध की अवधि 1 साल होगी हालांकि इसे आगे बढ़ाने की संभावना है।

सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट की कमी

सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने निजी डॉक्टरों को अनुबंधित करने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था फिलहाल आयुष्मान रोगियों के लिए की गई है, लेकिन बाद में अन्य रोगियों पर भी लागू की जा सकती है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के कमिश्नर तरुण राठी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

प्राइवेट डॉक्टरों को मिलेगा इतना पैसा

सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों के लिए भुगतान की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। यह भुगतान मासिक आधार पर किया जाएगा। सर्जिकल विशेषज्ञों को आयुष्मान योजना में निर्धारित पैकेज की कुल राशि का 21.6 प्रतिशत दिया जाएगा, जबकि एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को 10.8 प्रतिशत मिलेगा। इसके अलावा, सर्जरी करने वाले डॉक्टर की ऑपरेशन के पहले से लेकर फालोअप तक उपचार की पूरी जिम्मेदारी होगी।

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क्या प्राइवेट डॉक्टर दिखाएंगे दिलचस्पी

आयुष्मान योजना में सर्जरी के लिए निर्धारित पैकेज की राशि अधिकांश मामलों में दो हजार रुपये से अधिक है। उदाहरण के लिए, गठान की सर्जरी का पैकेज 2000 रुपये, साइनस की सर्जरी के 5000 रुपये और नसबंदी के दो हजार रुपये हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि निजी डॉक्टर इस योजना में कितनी रुचि लेते हैं। इसके लिए जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों के लिए अलग-अलग समितियां बनाई जाएंगी। जिला अस्पताल के लिए सिविल सर्जन और जिले के अन्य अस्पतालों के लिए सीएमएचओ की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। अनुबंध अधिकतम एक वर्ष के लिए किया जाएगा।

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