भोपाल। राजधानी में अब अगर कोई भी प्राइवेट स्कूल 3 तीन साल के भीतर छात्र—छात्राओं का यूनिफार्म बदलता है तो उनके उपरकार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा किसी एक निश्चित दुकान से किताब या यूनिफार्म खरीदने का प्रेशर भी अभिभावकों पर नहीं डाला जा सकता है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने यह आदेश निजी स्कूलों को दिए हैं। वहीं अगर इन आदेशों का उल्लंघन कोई स्कूल करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। निजी सीबीएसई स्कूलों को भी किताबों की सूची, फीस, गणवेश, स्पोर्टस किट, यातायात सुविधा स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के साथ—साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के वेबसाइट पर अपलोड भी करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने निजी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि निजी स्कूल का विवरण पुस्तिका, स्टेशनरी, किताबें, बैग, गणवेश आदि स्कूल के सूचना पटल पर लगाना होगा। अगर इसके लिए अभिभावकों द्वारा कोई पैसा दिया जाता है तो इसकी जानकारी देनी होगी। स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों या विद्यार्थियों द्वारा किताबें, गणवेश, जूते, कापी आदि किसी निश्चित दुकान से खरीदने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। अभिभावक स्कूल की इस सामग्री को कहीं से भी खरीदने के स्वतंत्र होंगे। वहीं स्कूल का गणवेश भी परिवर्तन की स्थिति आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक लागू रहेगी।
औचक निरीक्षण करेंगे विद्यालयों का
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने का कहना है कि अगर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की वेबसाइट पर सही जानकारी नहीं देता है और निरीक्षण में जानकारी को गलत पाया जाता है तो स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके साथ ही सभी निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा।