भोपाल। मध्य प्रदेश के लगभग 47,800 निजी स्कूलों ने सोमवार को कक्षा 9वीं से 12वीं तक नियमित कक्षाएं शुरू करने और कोविड-19 महामारी के कारण संस्थाओं का मान्यता शुल्क माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर अपनी ऑनलाइन कक्षाओं को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया है।
मध्य प्रदेश के 2,800 स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और 45,000 स्कूल मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपीबीएसई) से संबद्ध हैं। एमपीबीएसई से जुड़े स्कूलों के संगठन एमपी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित सिंह ने बताया, ‘‘राज्य सरकार से इस मामले में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद हमने सोमवार से अनिश्चितकाल के लिए ऑनलाइन कक्षाएं निलंबित कर दी हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांग है कि अधिकारी पहले से बंद स्कूलों का निरीक्षण करना बंद करें और संस्थाओं के मान्यता प्रमाण पत्र एक के बजाय पांच सालों के लिए नवीनीकृत करें। उन्होंने कहा कि हमारे नुकसान को देखते हुए प्रदेश सरकार को निरीक्षण के दौरान वार्षिक स्कूल मान्यता शुल्क नहीं लेना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘स्कूलों के निरीक्षण की आड़ में हमें परेशान किया जा रहा है।’’ इसके अलावा सिंह ने शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश सरकार से उनके बकाया भुगतान की भी मांग की।
प्रदेश में लगभग 2800 निजी स्कूल
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के संगठन एमपी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष वीआर मोदी ने कहा, ‘‘प्रदेश में लगभग 2800 निजी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध हैं, जिन्होंने सोमवार से ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं। हम अन्य बातों के अलावा 9वीं से 12वीं कक्षाओं को तुरंत फिर से शुरू करना चाहते हैं। जब अन्य सभी चीजें खुल गई हैं तो स्कूलों में उच्च कक्षाओं को फिर से खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।’’
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और प्रदेश के स्कूल शिक्षा आयुक्त जयश्री कियावत से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।