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खर्च की प्राथमिकता तय करें, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दें, पीएसयू को बेचें: बजट पर रघुराम राजन

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Bhasha
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नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि सरकार को भारतीय इक्विटी बाजारों के उच्चतम स्तर पर होने का लाभ उठाते हुए पीएसयू में हिस्सेदारी बेचना चाहिए और खर्च की प्राथमिकता इस तरह तय करनी चाहिए कि अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर लौटे।

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उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के बजट में ‘‘गरीब परिवारों और छोटे तथा मझोले उद्यमों को राहत देनी चाहिए’’ और इसके बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने ईटी नाऊ को बताया, ‘‘सरकार को खर्च की प्राथमिकता तय करनी होगी, जैसे गरीब परिवारों और छोटे कारोबारियों को राहत पहुंचाई जाए।’’

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सबसे अच्छा तरीका है।

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उन्होंने कहा कि चूंकि राज्यों का ज्यादातर खर्च इसी तरह का है, इसलिए उन्हें अधिक धन मिलना चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर सकती हैं, जिसमें कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक वृद्धि की रफ्तार हासिल करने का खाका तैयार किया जाएगा।

राजन ने कहा कि खर्च बढ़ाने के लिए जरूरी संसाधन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) को बेचकर मिल सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि पीएसयू की संपत्ति को बेचकर आमदनी और खर्च के बीच अंतर को कम किया जा सकता है।

अर्थव्यवस्था के हालात पर उन्होंने कहा कि हम देख रहे है कि यह फिर से उठ रही है पर साल है कि हमे जो नुकसान हुआ है उसको भरपायी के लिए हम क्या कर रहे हैं। विश्व बैंक का अनुमान है कि हमें 900 अरब डालर के सकल घरेलू उत्पाद का नुकसान हुआ है। मुझे नहीं पता कि ये अनुमान कितने सही हैं। पर एक तिहाई जीडीपी! हमें महामरी से पहले की जगह पर पहुंचने में कितना समय लगेगा।

राजन ने यह भी कहा कि भारत महामारी के स्तर पर 2022 के आखीर तक शायद ही पहुंच सके।

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उन्होंने कहा कि नुकसान की भरपाई के लिए हमें बहुत ऊंची वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर

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