कोच्चि/नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार ईसाई सम्प्रदाय के तीन प्रमुख पादरियों से संवाद कर ईसाई समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सायरो-मालाबाद चर्च के प्रधान पादरी जार्ज एलेनचेर्री, बॉम्बे के पादरी और कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के अध्यक्ष ओसवाल्ड ग्रेसियस और सायरो मालंकारा कैथोलिक चर्च के बेसेलियस क्लीमिस से संवाद किया।’’
प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात के बाद इन पादरियों ने कहा कि उनकी चर्चा ‘‘बहुत सकारात्मक और दोस्ताना’’ रही। उन्होंने कहा कि ‘‘ईसाई समुदाय और सरकार के बीच कोई दुर्भावना’’ नहीं है।
पादरियों के मुताबिक उनकी ये वार्ता राजनीतिक नहीं थी और मोदी ने उन्हें कहा कि ‘‘’ये उनका घर है और जब चाहें चर्चा के लिए आ सकते हैं।’’
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कहा, ‘‘बहुत ही सकारात्मक रही…वह निश्चिंत थे और दोस्ताना भी।’’
ग्रेसियस ने बताया कि चर्चा के दौरान जनजातीय अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की गरिफ्तारी का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहानुभूति जताई लेकिन कहा, ‘‘सरकार जांच एजेंसियों के कामकाज में बहुत ज्यादा दखल करना नहीं चाहती है।’’
स्वामी एल्गार परिषद में माओवादियों से रिश्तों के मामले में आरोपी हैं। उन्हें गत वर्ष आठ अक्टूबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। वह स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से ग्रसित हैं।
गिरिजाघर के एक प्रवक्ता ने कहा कि मोदी ने पोप को भारत आमंत्रित करने का निमंत्रण देने की गिरिजाघरों की पुरानी मांग पर सकारात्मक रुख दिखाया।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (मोदी) उचित समय का इंतजार कर रहे होंगे।’’
पादरियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित कोष का समान वितरण करने की भी मांग उठाई। पादरियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव
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