हाइलाइट्स
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सीबीएसई ने 7 मई को जारी किया सर्कुलर
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स्थानीय और मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर
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प्राइमरी एजुकेशन में बड़े बदलाव की तैयारी
CBSE Syllabus 2024-25: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) यानी सीबीएसई ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है।
जिसमें प्राइमरी एजुकेशन में मातृभाषा या स्थानीय भाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इस सर्कुलर से अब आने वाले समय में क्या बदलाव होगा, क्या प्राइमरी एजुकेशन से अंग्रेजी खत्म हो जाएगी। इन सारे सवालों के जवाब आपको इस खबर में मिलेंगे।
पहले समझिए सर्कुलर क्यों निकाला गया
देश में नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) लागू हो चुकी है।
नई शिक्षा नीति (NEP) में बच्चों की प्राथमिक शिक्षा उनकी स्थानीय या मातृभाषा में पढ़ाए जाने की बात पर जोर दिया गया है।
वहीं National Curriculum Framework for Foundational Stage-2022 में भी इस बात पर जोर दिया गया कि यदि कोई बच्चा अपनी भाषा में पढ़ेगा तो उसे चीजें उतने ही अच्छे और आसान तरीके से समझ आएगी।
NEP और NCFFS की इन्हीं पॉलिसी को लेकर सीबीएसई ने प्राथमिक शिक्षा से जुड़ा सर्कुलर जारी किया है।
सीबीएसई ने जारी किया ये सर्कुलर
सीबीएसई (CBSE) ने प्राथमिक शिक्षा के सिलेबस में जुड़ा एक सर्कुलर (CBSE Syllabus 2024-25) 7 मई को जारी किया है।
सीबीएसई के डायरेक्टर एकेडमिक डॉ. प्रज्ञा एम सिंह के नाम से जारी इस सर्कुलर (CBSE Circular) में एंट्री लेवल प्राइमरी में स्थानीय या मातृभाषा में पढ़ाए जाने की बात कही गई है।
52 भाषाओं में प्रकाशित हो गई है बुक
एनसीईआरटी (NCERT) और इंडियन इंस्टिट्यूट आफ लेंग्वेज (IIL) ने 52 स्थानीय भाषाओं में बुक प्रकाशित भी कर दी है।
एनसीईआरटी की वेबसाइट पर भी ये बुक (NCERT Book) पीडीएफ फॉरमेट में उपलब्ध है। इन बुक को entry-level primers (प्रवेशिकायन) नाम दिया गया है।
क्या प्राइमरी एजुकेशन से गायब होगी अंग्रेजी
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) में स्थानीय और मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है, लेकिन इस बदलाव में अभी कुछ समय लगेगा।
CBSE Syllabus: सीबीएसई स्कूलों में अंग्रेजी नहीं अब इस भाषा में दी जाएगी प्राइमरी एजुकेशन, जानें नया सर्कुलर क्या है#CBSE #CBSESyllabus #CBSESchool @cbseindia29 @EduMinOfIndia @PMOIndia
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हाल ही में जारी नया सर्कुलर एंट्री लेवल प्राइमरी यानी नर्सरी, केजी 1, केजी 2 से जुड़ा है, जहां बच्चा अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेता है।
सिर्फ इस लेवल के लिए ही देश की 52 स्थानीय भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है।
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21 जुलाई 2023 में दे दी थी अनुमति
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों (CBSE Board Schools) को पूर्व-प्राथमिक से क्लास 12वीं तक शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में मातृभाषा का उपयोग करने की 21 जुलाई 2023 को अनुमति दे दी थी।
सीबीएसई के अनुसार ये फैसला एनईपी 2020 के प्रावधानों के मुताबिक है। जोकि छात्र-छात्राओं के लिए बहुभाषावाद के महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक लाभों पर जोर देता है।
इस दौरान मातृभाषा पर विशेष ध्यान देने के साथ कई भाषाओं से अवगत कराया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भाषाओं में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है।
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सर्कुलर का कितना होगा असर
मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर देने के लिए सीबीएसई दो साल से सर्कुलर जारी कर रहा है, लेकिन ये सर्कुलर शैक्षणिक सत्र शुरु होने के बाद जारी होते हैं।
ऐसे में इनका कितना असर होगा ये कहा नहीं जा सकता। स्कूलों (CBSE Board Schools) में शैक्षणिक सत्र हर साल अप्रैल में शुरु हो जाता है।
साल 2023 में पहला सर्कुलर सत्र शुरु होने के 4 महीने बाद और अब साल 2024 में दूसरा सर्कुलर सत्र शुरु होने के एक महीने बाद जारी किया गया है।