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Mastitis Disease: बरसात में गाय-भैंस को थनैला बीमारी से बचाने के उपाय, दूध निकालते समय इन बातों का रखें ध्यान

Mastitis Disease: थनैला बीमारी में पशुओं के थनों में सूजन आ जाती है, जो कभी-कभी जख्मों का रूप ले लेती है। इससे दूध उत्पादन में कमी आती है, और दूध की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह के अनुसार, यह बीमारी डेयरी उद्योग में सबसे बड़े नुकसान का कारण बनती है।

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anurag dubey
Mastitis Disease: बरसात में गाय-भैंस को थनैला बीमारी से बचाने के उपाय, दूध निकालते समय इन बातों का रखें ध्यान

हाइलाइट्स 

  • बरसात में गाय-भैंस को थनैला बीमारी से बचाने के उपाय
  • दूध निकालने से पहले थनों की सही तरीके से सफाई न करना
  • गंदी जगह पर बैठकर दूध निकालना
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Mastitis Disease:बरसात का मौसम शुरू होते ही पशुपालकों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से एक है थनैला (Mastitis) बीमारी। यह बीमारी गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं के लिए एक गंभीर खतरा है, जिससे दूध उत्पादन में भारी गिरावट आती है और आर्थिक नुकसान होता है। पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी मुख्य रूप से डेयरी प्रबंधन में लापरवाही और साफ-सफाई की कमी के कारण होती है।

दुधारू पशुओं में थनैला रोग के लक्षण तथा रोकथाम – ई-पशुपालन

क्या है थनैला बीमारी और इसके लक्षण?

थनैला बीमारी में पशुओं के थनों में सूजन आ जाती है, जो कभी-कभी जख्मों का रूप ले लेती है। इससे दूध उत्पादन में कमी आती है, और दूध की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह के अनुसार, यह बीमारी डेयरी उद्योग में सबसे बड़े नुकसान का कारण बनती है।

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थनैला बीमारी के मुख्य कारण

क्रम संख्यामुख्य कारणविवरण
1सफाई में लापरवाहीदूध निकालने से पहले थनों की सही तरीके से सफाई न करना
2अस्वच्छतादूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथ और कपड़े गंदे होना, या गंदा बर्तन उपयोग करना
3अस्वच्छ वातावरणगंदी जगह पर बैठकर दूध निकालना
4दूध पिलाने के बादबच्चे को दूध पिलाने के बाद थनों को न धोना
5गंदगी से संपर्कपेट, थन और पूंछ पर चिपकी गंदगी से संक्रमण का खतरा
6कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमताखराब खानपान और तनाव के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना

बचाव के प्रभावी उपाय

क्रम संख्याउपायविवरण
1स्वच्छता का ध्यानदूध निकालने से पहले थनों को अच्छी तरह से साफ करें और सूखे कपड़े से पोंछें।
2व्यक्तिगत स्वच्छतादूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथ और कपड़े साफ होने चाहिए।
3स्वच्छ बर्तनसाफ और कीटाणुरहित बर्तन में ही दूध निकालें।
4सही वातावरणदूध दुहने की जगह साफ और सूखी होनी चाहिए।
5नियमित जांचदूध में अल्फा1 ग्लाइको प्रोटीन की जांच स्फेक्ट्रो फोटो मीटर से करें।
6संतुलित आहारपशु को पौष्टिक आहार दें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे।

FAQ में सवाल और जवाब 

प्रश्न 1: थनैला (Mastitis) बीमारी क्या है और यह कैसे पहचानें?

उत्तर: थनैला एक प्रकार की संक्रमणजनित बीमारी है जो दुधारू पशुओं के थनों में सूजन, दर्द और कभी-कभी घावों का कारण बनती है। इससे दूध उत्पादन में गिरावट और गुणवत्ता में कमी आती है। इसके लक्षणों में थनों में सूजन, लालिमा, दर्द और दूध का रंग या गाढ़ापन बदलना शामिल है।

प्रश्न 2: थनैला बीमारी होने के मुख्य कारण क्या हैं?

उत्तर: यह बीमारी मुख्य रूप से स्वच्छता की कमी के कारण होती है, जैसे थनों की सफाई न करना, गंदे बर्तन का उपयोग, अस्वच्छ वातावरण में दूध निकालना, और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता। डेयरी प्रबंधन में लापरवाही इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।

प्रश्न 3: थनैला से बचाव के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं?

उत्तर: बचाव के लिए थनों और उपकरणों की सफाई का विशेष ध्यान रखें, दूध दुहने वाले व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें, साफ-सुथरे बर्तनों का उपयोग करें, और पशु को संतुलित आहार दें। साथ ही दूध की नियमित जांच करवाएं ताकि बीमारी का पता शुरुआती चरण में ही लग सके।

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