Prayagraj Gazi Mazar Controversy Controversy News : रामनवमी के मौके पर प्रयागराज के गंगापार इलाके में स्थित सालार मसूद गाजी की दरगाह (Prayagraj Gazi Mazar) पर उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब भगवा झंडे लेकर तीन युवक दरगाह की गेट पर चढ़ गए और जोरदार नारेबाजी की। इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
क्या हुआ घटनास्थल पर?


रविवार को शाम करीब 4 बजे 20 से ज्यादा युवाओं की बाइक रैली सालार मसूद गाजी की दरगाह की ओर निकली। मनेंद्र प्रताप सिंह की अगुआई में युवकों ने सिकंदरा में स्थित दरगाह की छत पर चढ़कर भगवा झंडे फहराए और “जय श्रीराम” व “गाजी मियां मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए।
प्रशासन को दिया गया ज्ञापन
इस घटना से पहले महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच ने जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें गाजी मियां की मजार को “अवैध” बताया गया और उसे हटाने की मांग की गई थी। ज्ञापन में दावा किया गया कि यह स्थान पहले एक शिव मंदिर था और यहां हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है।
कार्यकर्ता बोले- गाजी हिंदुओं का हत्यारा, अवैध मजार बनाई
हंगामे के बाद महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच का वो लेटर भी सामने आया, जिसे जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को दिया गया है। उसमें लिखा है, तीर्थराज प्रयागराज की पवित्र भूमि पर बहरिया के सिकंदरा में गाजी मियां (सैयद सालार गाजी) की अवैध मजार बनाई गई है। गाजी हिंदुओं का हत्यारा और आक्रांता था।
सिकंदरा वो कभी नहीं आया। फिर भी वक्फ बोर्ड ने जमीन कब्जा करने के इरादे से मजार बनवा दी। यहां पर पहले शिवकंद्रा वाले महादेव, सती बड़े पुरुख का मंदिर था। वहां हिंदुओं का धर्मांतरण, झाड़-फूंक, महिलाओं के साथ अभद्रता, हिंदुओं की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।

वीडियो वायरल, पुलिस ने शुरू की जांच
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीसीपी कुलदीप गुनावत ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि वीडियो में दिख रहे युवकों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, दरगाह प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि इस प्रकार का कृत्य शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश है। उन्होंने प्रशासन से दरगाह की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
मेले पर पहले ही लग चुकी है रोक
बता दें कि 24 मार्च को प्रशासन ने दरगाह परिसर के गेट पर ताला लगा दिया था और मई में लगने वाले सालाना मेले पर रोक लगा दी गई थी। उस समय भी प्रशासन और दरगाह प्रबंधन के बीच विरोधाभासी बयान सामने आए थे।
इस दौरान पुलिस ने कहा था कि उन्होंने कोई ताला नहीं लगाया है। बाद में दरगाह प्रबंधन ने एक वीडियो जारी कर कहा, दरगाह में आने जाने पर कोई रोक नहीं है। अंदर काम चलने के कारण सुबह इसे बंद किया गया था।
अखिलेश ने X पर लिखा- नाकामी छिपाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते
