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हाइलाइट्स
- प्रयागराज में गंगा-यमुना ने पार किया खतरे का निशान
- बाढ़ से 2000+ लोग विस्थापित, राहत शिविरों में शरण
- NDRF ने संभाला मोर्चा, चल रही हैं 12 से ज्यादा नावें
रिपोर्ट - आलोक राय
Prayagraj Flood 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों (Ganga Yamuna flood) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को दोनों नदियों ने 84.734 मीटर के खतरे के निशान को पार कर दिया। इसके चलते शहर के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में बाढ़ (Prayagraj Flood) का पानी घुस चुका है। साथ ही हजारों घर जलमग्न हो गए हैं।
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Prayagraj Flood[/caption]
प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ (NDRF), सीडीआरएफ (CDRF) और प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुट गई हैं। इस समय शहर में चार बाढ़ राहत शिविर संचालित (Flood Relief Camp) किए जा रहे हैं। यहां अब तक 2000 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं।
गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर (Ganga Yamuna flood)
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गंगा और यमुना के जलस्तर (Ganga-Yamuna water level) में लगातार बढ़ोतरी[/caption]
गंगा और यमुना के जलस्तर (Ganga-Yamuna water level) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कानपुर बैराज (Kanpur Ganga Bairaj) से 80 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है। जिससे गंगा में तेजी से पानी बढ़ रहा है। वहीं, यमुना में केन और बेतवा नदियों (Ken-Betwa flood) के पानी ने उफान बनाए रखा है।
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सड़क तो छोड़ो घरों के अंदर तक घुसा पानी[/caption]
हालांकि चंबल नदी (Chambal River) में जलस्तर घटने से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि टोंस नदी का उफान चिंता का कारण बन गया है। इससे प्रयागराज के तटीय इलाकों में पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
प्रभावित मोहल्लों में बाढ़ का कहर
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मोहल्लों में बाढ़ का कहर[/caption]
बाढ़ के चलते प्रयागराज के बेली, मेहदौरी, सलोरी, राजापुर, दारागंज जैसे इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। कई स्थानों पर सड़कों और गलियों में कमर तक पानी भर चुका है। कुछ इलाकों में रात तक सब सामान्य था, लेकिन सवेरे घरों में पानी भर गया।
बेली गांववासियों ने बताया कि रात को जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि संभलने का मौका नहीं मिला।
मेहबूब अली इंटर कॉलेज बना राहत शिविर
प्रशासन द्वारा स्टैनली रोड स्थित मेहबूब अली इंटर कॉलेज (Mehboob Inter College) को बाढ़ राहत शिविर में तब्दील किया गया है। शुक्रवार को जब स्कूल खुला था, तब कोई संकट नजर नहीं आ रहा था। लेकिन दोपहर तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि स्कूल को बंद कर पीड़ितों के लिए खोल दिया गया। 12 बजे तक 100 से अधिक लोग शिविर में पहुंच चुके थे। राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने, सोने और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है।
एनडीआरएफ और प्रशासन ने संभाली कमान
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एनडीआरएफ और प्रशासन ने संभाली कमान[/caption]
मामले की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ, सीडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें सक्रिय हो चुकी हैं। प्रशासन ने 12 नावें चलाई हैं, जिनकी मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा, 10 अतिरिक्त नावें भी स्टैंडबाय पर रखी गई हैं।
एसडीएम सदर अभिषेक सिंह (SDM Abhishek Singh) ने बताया कि अब तक चार राहत शिविर शुरू किए जा चुके हैं और ज़रूरत के अनुसार और भी खोले जाएंगे।
कछारी इलाकों में स्थिति गंभीर
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प्रयागराज के कुछ इलाकों में हालत बहुत ज्यादा गंभीर है[/caption]
जलस्तर के बढ़ने से छतनाग और कछारी इलाकों में जलभराव की आशंका और बढ़ गई है। छतनाग से पानी निकलने की रफ्तार पर दबाव के कारण नियंत्रण बनाना मुश्किल हो रहा है। इससे गंगा का पानी और फैलने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन लगातार जलस्तर की निगरानी कर रहा है और प्रभावित इलाकों को खाली कराने का प्रयास तेज कर दिया गया है।
FAQ's
1. प्रयागराज में बाढ़ की वर्तमान स्थिति क्या है?
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर 84.734 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है। इससे शहर के दो दर्जन से अधिक मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं और राहत शिविरों में 2000 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं।
2. प्रशासन द्वारा क्या राहत उपाय किए जा रहे हैं?
प्रशासन ने एनडीआरएफ, सीडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों को तैनात किया है। चार बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं और नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
3. कौन-कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?
प्रयागराज के बेली, मेहदौरी, सलोरी, राजापुर, दारागंज, छतनाग और कछारी जैसे इलाके बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई जगहों पर कमर तक पानी भर चुका है और हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
UP Energy Minister: अड़ीबाज लाइनमैन ने बिजली काटी, फिर जोड़ने के लिए मांगे दो हजार,शिकायत करने पर तिलमिलाए ऊर्जा मंत्री
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