भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) की वरिष्ठ नेता प्रमिला मलिक को ओडिशा विधानसभा का शुक्रवार को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया और इसी के साथ वह इस प्रतिष्ठित पद पर बैठने वाली पहली महिला बन गईं। प्रभारी अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने सदन के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले बुलाए गए ओडिशा विधानसभा के विशेष सत्र में मलिक को सदन की पहली महिला अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया था। सदन के नेता और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मलिक को अध्यक्ष निर्वाचित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया जिसका संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी ने समर्थन किया।
पटनायक, विपक्षी भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा और अन्य वरिष्ठ सदस्य नवनिर्वाचित अध्यक्ष को आसन तक लेकर गए। इसके बाद मलिक ने सदन को संबोधित करते हुए सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनसे सहयोग देने का आग्रह किया।
मलिक ने कहा कि वह सदन की गरिमा बरकरार रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी। पटनायक ने ओडिशा विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनने पर मलिक को बधाई दी और उनकी क्षमता पर भरोसा जताया। पटनायक ने कहा कि वह विधायक, मंत्री और सरकार की मुख्य सचेतक रही हैं और उनका व्यापक अनुभव उन्हें अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियां निभाने में मदद करेगा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने भी मलिक को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह निष्पक्ष तरीके से काम करेंगी एवं सदन में सत्तारूढ़ दल के बहुमत के सामने विपक्षी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करेंगी। मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं उन्हें 1990 से जानता हूं, जब हम दोनों विधायक चुने गए थे। मैंने उन्हें एक मंत्री और सरकार के मुख्य सचेतक के रूप में काम करते देखा।
मैं उम्मीद करता हूं कि वह एक अध्यक्ष के रूप में निष्पक्ष रहेंगी।’’भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा कि उनकी पार्टी को ओडिशा विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनने के लिए मलिक पर गर्व है।जाजपुर जिले के आरक्षित (अनुसूचित जाति) बिंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक चुनी गईं मलिक ने बृहस्पतिवार को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और अध्यक्ष पद के लिए बीजद उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था।
वह इस चुनाव में एकमात्र उम्मीदवार थीं, क्योंकि भाजपा और कांग्रेस ने उनके खिलाफ किसी को खड़ा नहीं किया। पिछले मंत्रिमंडल फेरबदल में बिक्रम केशरी अरुखा को वित्त मंत्री बनाए जाने के बाद से ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष का पद खाली था।
पहले अध्यक्ष पद का चुनाव 21 सितंबर को होना था लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी क्योंकि यह पश्चिमी ओडिशा के कृषि पर्व ‘नुआखाई’ के मौके पर हो रहा था। इसके बाद चुनाव 22 सितंबर के लिए स्थगित कर दिया गया। मलिक 1990 में बिंझारपुर से पहली बार जनता दल की विधायक चुनी गई थीं।
बाद में वह बीजद में शामिल हो गईं और 2000 से लगातार पांच बार विजयी रहीं। उन्होंने 2004 से 2011 तक महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में कार्य किया और वह 30 मई, 2019 से छह जून, 2022 तक तीन वर्ष के लिए सरकार की मुख्य सचेतक भी रहीं। वरिष्ठ विधायक और बीजद के उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि बीजद ने एक दलित महिला को विधानसभा का पहला अध्यक्ष बनाकर महिला सशक्तीकरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता फिर से दिखाई है।
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