खंडवा। जिल में पोस्टल बैलेट के जरिए की गई सरकारी कर्मियों की वोटिंग अब सवालों के घेरे में है। 20 नवंबर को 123 पुलिसकर्मियों ने भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान किया था। इसमें आरोप लगा था कि कलेक्टर की जानकारी के बिना ही वोटिंग की गई है। अब ये मामला निर्वाचन आयोग पहुंच गया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह से रिपोर्ट मांगी है।
20 नवंबर को हुआ थी वोटिंग
बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) की तारीख चुनाव आयोग ने 16 नवंबर निर्धारित की थी। लेकिन खंडवा में वोटिंग तीन दिन बाद यानी 20 नवंबर को हुआ। इस दौरान कई पुलिसकर्मी तो ऐसे भी थे जिनका नाम मतदाता सूची में किसी और जिले का है लेकिन उनसे भी यहीं पर मतदान करवाया गया।
वोटिंग में बरती गई लापरवाही
जिले में कर्मचारियों की वोटिंग के लिए चुनाव आयोग ने मतपत्र जारी किए थे। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने समय रहते चुनाव आयोग के निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया। आदेश के मुताबिक पोस्टल बैलेट सिस्टम चुनाव के एक दिन पहले तक ही वैलिड था।
लेकिन इस बार जिला प्रसाशन ने चुनाव के तीन दिन बाद सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग कराई थी। अब इस बात की चर्चा है कि यह मतदान रद्द किया जा सकता है।
कलेक्टर ने भेजी रिपोर्ट
इस मामले में निर्वाचन आयोग ने जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी। जिसपर उन्होंने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है।
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